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इधर उधर सब ढूंढता है। मौका मिले तब ढूढ़ता है। मौत निश्चित हे,फिर भी कौन यहाँ रब ढूढ़ता है? विपुल प्रीत - Vipul Borisa
ये निश्चित हे हम आज नही तो कल मर जायेंगे। पर,हम ऐसे जीये हे सबको याद तो बहोत आयेंगे। विपुल प्रीत - Vipul Borisa
सीतम सहना तो इश्क़ में जरूरी है। छोड़ दो अगर तुमे कोई मजबूरी है। विपुल प्रीत - Vipul Borisa
तरबतर हो चूका हू,में हद से गुजर चूका हू। तूमे लगता में जिंदा हू,में कबका मर चूका हू। विपुल प्रीत - Vipul Borisa
किसीका कोई कुसूर नही,में खुद खुद का गुनेहगार हू। कोई गिला ना शिकवा हे अब,में अंतिम कगार में हू। विपुल प्रीत - Vipul Borisa
उसकी जुबां पे नही,उसकी आँखों में शोर था। मेने देखा था वो शख्स,औरो से कुछ और था। विपुल प्रीत - Vipul Borisa
फितूर जरूरी हे काम,इश्क़ और बंदगी में, बस फर्क यही हे तेरी और मेरी जींदगी में। विपुल प्रीत - Vipul Borisa
કંઈક એવી રીતે ઢાળી દીધી છે,જાત ને સ્વીકારી લઉં છું દરેકે દરેક ની,વાત ને હજુય તારીખ,વાર,સ્થળ,સમય યાદ છે મને ભલે વર્ષો થયાં આપણી આખરી મુલાકાત ને - Vipul Borisa
हमारी सारी ख्वाहिशे मर गईं,फिर भी हम जिंदा है। हमें नाज़ हे खुद पर और वो आज भी शर्मिंदा है। विपुल प्रीत - Vipul Borisa - Vipul Borisa
मेरे यार नही,मेरे शोख मर गए है। वो त्यौहार,वो वक़्त वो पुराने दौर मर गए है। जिंदगी की उलझनो में क्या कम मर रहे थे ! अब मोबाइल से थोड़ा और मर गए है। अकेले हँसी निकलती है,तस्वीरों के लिये। वो साथ मिलकर जो होते थे,वो शोर मर गए है। मेरे यार नही,मेरे शोख मर गए है। वो त्यौहार,वो वक़्त वो पुराने दौर मर गए है। विपुल प्रीत - Vipul Borisa
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