હું એક મિકેનીકલ એન્જીનીયર છુ.હું અમદાવાદ નો રહેવાસી છુ અને અમદાવાદ માં જ નોકરી કરુ છુ.મને લખવાનો શોખ છે.હું દરેક પ્રકાર માં લખવાનો પ્રયત્ન કરુ છુ.હું કવિતા,ગઝલ અને શાયરીઓ પણ લખુ છુ.પ્રયત્ન કરુ છ.if you give me any suggestion please text me on my number 9898630000

દુર્દશા પણ જીવન નો શણગાર છે.
બધું જ તારાં કર્મ પર આધાર છે.
- વિપુલ પ્રીત -

-Vipul Borisa

अब कोई फरमाइश नही।
क्योंकि जींदगी से कोई ख्वाहिश नही।
आइना तोड़ दिया हे कबसे हमने,
अब अच्छी लगती कोई नूमाइश नही।
- विपुल प्रीत -

-Vipul Borisa

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આમ તો સઘળું એ સમાવી શકે.
પણ, દરિયો ખારાશ ના ગુમાવી શકે.
શબ્દ સ્વરૂપે ના આવી શકે જે દર્દ
એજ આંખ માંથી આંસુ રૂપે આવી શકે.
-વિપુલ પ્રીત -

-Vipul Borisa

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मेरी शख्शियत का पता में अब लगा नही सकता,
कौन हू में, क्या हू ये में अब बता नही सकता।
में दिन मे कुछ और रात मे कुछ और होता हू।
ईमानदारी से हर रिश्ता में अब निभा नही सकता।

- विपुल प्रीत -

-Vipul Borisa

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शबभर थी जींदगी शबभर,जी ली कोई अफ़सोस नही।
तेरी याद साथ हे,ना कल थे आज भी हम कमजोर नही।
- विपुल प्रीत -

-Vipul Borisa

मुफलिसी के आलम मे ज़ब रात आती है।
चार यार साथ हो तो उसकी बात आती है।
जींदगी भले ही गुज़र रही हो,रेस की तरह,
याद तो याद हे,उसकी याद तो आती है।
- विपुल प्रीत -

-Vipul Borisa

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अब तुमे फुरसत मिली हे,तो आये हो।
उस वक़्त कहाँ थे ज़ब हम तन्हाई मे थे।
तुमे तेरने की आदत भले ही ना सही,
हम तो कल भी गहराई मे थे।
- विपुल प्रीत -

-Vipul Borisa

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दीये जल रहे हे,तो तुमे लगता हे के उजाले है।
तुमे क्या पता इस हँसी के पीछे कितने छाले है।
- विपुल प्रीत -

-Vipul Borisa

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वक़्त ढल रहा हे मेरा ,यही अच्छी बात है।
बस इक लम्बी सुकूनभरी नींद की तलाश है।
मुजे मरे हुये तो काफ़ी अरसा हो गया,जनाब
ये जो दीखता हे वो तो बिना कफ़न की लाश है।
-विपुल प्रीत-

-Vipul Borisa

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ना जाने कैसे,में जीते-जीते मर गया।
तेरे जाने के बाद जो डर था,वो डर गया।
इक सुकून मिलता हे, विरानो में अब,
सोचता हू में क्या क्या बरदाश्त कर गया।
-विपुल प्रीत -

-Vipul Borisa

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