Quotes by Pathak Ashish vilom in Bitesapp read free

Pathak Ashish vilom

Pathak Ashish vilom

@vilom


चल पड़ा हूँ धूप में, साया कहीं मिलता नहीं,
ज़िन्दगी का रास्ता आसान तो चलता नहीं।

ठोकरें खाकर संभलना ही मेरा फ़र्ज़ था,
गिर के फिर उठना सिखा, यूँ तो कोई कहता नहीं।

हर कदम पर दर्द का एहसास गहरा हो गया,
मुस्कराहट के तले कितना दर्द है, दिखता नहीं।

भूख, नींदें, ख्वाब सब गिरवी पड़े हैं वक़्त से,
जिस्म जीता है मगर रूहों को कुछ मिलता नहीं।

कोशिशों की आंधियाँ जब तक न रुक जाएँ कभी,
तब तलक ये पाँव थक कर भी कहीं रुकता नहीं।

आज जो चेहरा चमकता है सितारों की तरह,
उसके पीछे दर्द है, जो कोई भी पढ़ता नहीं।
🖋️🖋️ पाठक आशीष ”विलोम”

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