Quotes by vikas kushwah in Bitesapp read free

vikas kushwah

vikas kushwah

@vikaskushwah3080


हम सब की भूख मिटाने के लिए
जो खुद भूखा रहता है
उस किसान को मै सलाम करता हूं।

हम सब की जान बचाने के लिए
जो खुद की जान गंवा देता है
उस जवान को मै सलम करता हूं।

#सलाम

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#वास्तविकता आखिर वास्तव में क्या है यह वास्तविकता?
#गरम रेत में दिखने वाली नदिया वास्तविक नहीं होती
#दुख के समय काम में आने वाली मित्रता वास्तविक नहीं होती
#दुनिया की सारी चमक दमक वास्तविक नहीं होती
#इसी प्रकार जीवन की जीवंतता भी वास्तविक नहीं होती
#इसीलिए आप जीवन में सोचा करते हैं कि
वास्तव में वास्तविकता है क्या?

#वास्तविक

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#धरती पर्वत नील गगन हूं
तेज हवा तूफान पवन हूं
तपता सूरज सत्य नयन हूं
#अस्त्र -शस्त्र चाहे हो धाल
विजय गाथा पर भी मैं शयन है
माता कुंती का प्रथम चयन हूं
क्योंकि मैं सूर्यपुत्र कर्ण हूं

#कर्ण

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बेकाम है तू, बेकार नहीं है
नादान है तू, नाकाम नहीं है
इंसान है तू, हैवान नहीं है

Zen relates to Buddhism,
starts from china and devloped
in Japan.
Zen means maditation (dhyan)
#Zen

#झेन धर्म को जेन कहा जाता है
अर्थ इसका ध्यान कहा जाता है

#समुराई समाज के वीर योद्धा यहां पलते हैं
इसीलिए इसे दुनिया का सबसे बहादुर कॉम कहा जाता है

#चीन से धर्म यह शुरू हुआ लेकिन
धीरे धीरे जापान के बारह संप्रदायों में गिना जाता है

#झेन धर्म शिंतो और बौद्ध धर्म का मेल है
इसीलिए इसे सर्वाधिक वीर कहा जाता है

#झेन -धर्म (ध्यान)

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₹उत्साही मन तू कहां जा रहा है
नीली सी स्याही में डूबा जा रहा है

#उत्साही तन तू कहां जा रहा है
शब्दों के जाल में फंसा जा रहा है

#उत्साही मन जग की ना सुनता
उत्साही तन खुद की ना सुनता
तभी तो कभी यहां तो कभी वहां जा रहा है

#उत्साही

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उत्साही मन तू कहां जा रहा है
नीली सी स्याही में डूबा जा रहा है

उत्साही तन तू कहां जा रहा है
शब्दों के जाल में फंसा जा रहा है

उत्साही मन जग की ना सुनता
उत्साही तन खुद की ना सुनता
तभी तो कभी यहां तो कभी वहां जा रहा है

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मां का दामन छोड़ने को मन नहीं करता
आंखों के आंसू पोछने को मन नहीं करता
चूमती थी जिस प्यार से वो मुझे
उस प्यार को भूलने को मन नहीं करता

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नन्ही सी दुनिया का नन्हा सा राजा
ममता की चोली बुलाए तू आजा

बचपन की यादों में पचपन सवेरे
अंधेरी सी कुटिया में लकड़ी का बाजा
ममता की चोली बुलाए तू आजा

चमकता रहेगा जीवन में हर दम
उजाले का सूरज रातों का चंदा
दादी की लोरी मुझे तू सुला जा
ममता की चोली बुलाए तुम्हारे

जिया है जो जीवन काफी है इतना
सहा है जी जीवन सहूंगा और कितना
चूल्हे की अग्नि मुझे तू जला जा
ममता की चोली बुलाए तू आजा

क्षणभंगुर है जीवन यह सबको बता जा
मुझको सुलाकर तो सबको जगा जा
ममता की चोली बुलाए तू आजा

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