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खामखा मैंने गहराई पसद की, कोई उतरा ही नहीं मेरी सोच तक। -Vasu
कर्म सभी को अपने याद रहते है साहब, यु ही नहीं गंगा किनारे भीड़ लगी रहती है। -Vasu
जो समझाये ओ इश्क , जो समझें ओ दोस्ती। vasu
आज भी जब तक माँ को बता ना दु पँहुचकर कहीं भी, पहुँँचता नहीं हु। vasu
शोक की उम्र में, हमने सब्र रखना सिख़ लिया। 🚩 vasu🚩
Thank you🙏🙏
में 'किसी से' बेहतर करुँ क्या फर्क पड़ता है, मे 'किसी का' बेहतर करुँ बहुत फर्क पड़ता है। -Vasu
खोना नहीं है तुम्हें, इस लिए पाने की जिद नहीं vasu
मेरे मरने पे लाखों रोये गे, मेरे रोने की किसी को परवाह नहीं। -Vasu
किसी को उजाड़ के बसे तो क्या बसे, किसी को रुला कर हंंसे तो क्या हंंसे। -Vasu
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