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🌹ઓળખાણ થાય એટલે સબંધ ની શરૂઆત થાય, ઓળખી જાય એટલે પૂરો થાય...! -Het
कल रात सारे गम आसमाँ को सुना दिए मैंने, आज मैं चुप हूँ और आसमाँ बरस रहा है ~अज्ञात
बहुत अजीब है यह कुरबतों की दूरी भी वो मेरे साथ रहा और मुझे कभी ना मिला ~ बशीर बद्र
कुछ इस तरह से मिलें हम कि बात रह जाए बिछड़ भी जाएँ तो हाथों में हाथ रह जाए मैं सो रहा हूँ तिरे ख़्वाब देखने के लिए ये आरज़ू है कि आँखों में रात रह जाए मैं डूब जाऊँ समुंदर की तेज़ लहरों में किनारे रखी हुई काएनात रह जाए मुझ को समेटे कोई ज़माने तक बिखर के चारों तरफ़ मेरी ज़ात रह जाए -Het
આજે ફરી એવી સાંજ ઢળી હતી, એની યાદ આવીને પાછી ફરી હતી... આંખો તો લૂછી નાખી છુપાઈને, પણ પછી ધડકનો ધ્રુસકે ચડી હતી...!!!
ઉકાળા પી પી ને.... Immunity એટલી બધી વધી ગઈ છે કે... Wife સાથે પહેલા 15 મિનિટ ઝઘડો ચાલે.. તો થાકી જવાતું.... ...હવે ૧ કલાક સુધી વાંધો નથી આવતો.
તમારી સાથે એક કપ special મોળી ચ્હા પીવા ની ઇચ્છા છે.. સાંભળ્યું છે કે,,, તમે વાતો બહુ મીઠી મીઠી કરો છો...☕☕
रात के बुझते दिये कि तरह थी, आखरी सांस तक लड़ने वालों में से थी.. खामोशियों में सिमटी धड़कनो की तरह थी, दिल से चुराये हुए लफ़्ज़ों की तरह थी.. सर्द शाम के फसाने की तरह थी, वो लड़की एक सुहाने समुंदर सी थी....
एक रूह अंधेरे में रोशनी की तरह थी, वो लडक़ी चमकते जुगनू सी थी.. नींद में बिखरे ख्वाबों की तरह थी, कभी हसीन तो कभी मायूस सी थी.. उलझे सवालों की भीड़ की तरह थी, जवाबों को ढूंढती मासूम साये सी थी..
સમય પર કાયદેસર નો દાવો મૂકવો છે, સાહેબ ઈન્તઝારમાં મંદ અને મિલન માં તેજ ચાલે છે
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