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ख़ुद को समझता हूँ लायक जिम्मेदारियों के जब भी कभी, जिंदगी दिखा देती है निशान मेरी नादानियों के... -Tomar
हम प्रेम में बंध सकते हैं, परन्तु प्रेम को बांधा नहीं जा सकता || -Tomar
तुम चाहो हमें, हमारी तरह, फिर चाहे करना ज़िद, कोई हर्ज़ नहीं... - Tomar
नादानियों की उम्र में हम कमाने निकल आए हैं, हमें ना सिखाओ कैसे ज़िम्मेदारी निभाते हैं... - Tomar
सफ़र कितना भी कर लूं,मगर तेरे ही पास आकर, दिल को चैन आता है... -Tomar
जिसकी दुनिया एक पिंजरा हो, वो परिंदा आज़ाद हुआ भी, तो कहाँ जाएगा... -Tomar
मैं लौटा हूं उन मंजिलों से कई दफा, जहां जाकर मुसाफ़िर वहीं के हो जाते हैं... -Utpal Tomar
हुस्न के बाज़ार में, इश्क़ का कारोबार मेरे यार, बड़ा नुकसान उठाओगे... - tomar
उन रास्तों से अब सफर नहीं करते हम, जिनपर कोई चल सके साथ हमारे... -tomar
अलग हो सबसे, रहो अलग, मगर दिखो सब से... -tomar
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