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Tejas Kumavat

Tejas Kumavat

@tejaskumavat2824


वो केहते हैं की "होलीं में सबकुछ बुरा जल जाता हैं"
अरे चलों छोडो ....
तुम तों अभी भी मेरे सामने हों
#kavyotsav -2
#holivibes
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️

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एक दोस्त के लियें...

आज ये कठीन इंतहान हैं मेरा
ना सवाल ना जवाब फिर भीं बुरा हाल हैं मेरा
तेरे बारे में लिखना हैं तो सिर्फ कागज कलम का यें काम नहीं
कुछ घंटो में खत्म हो जायें ऐसी तू शाम नहीं

कहाँ सें चालू करुँ ये बड़ी परेशनी हैं
तू कभी ना खत्म होनें वाला वों समंदर का पानी हैं
तुझकों सुखाना चाहतें हैं, यें उन किरणों की नादानी हैं
हर दिल में तेरी एक अमर कहानीं हैं

#kavyotsav -2
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️

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ऐ मालिक रोक लें मुझे
फिर से प्यार मे गिरनें जा रहा हूँ
इस जिंदा जनाजे को जहाँ दफनाने का इंताजार था
फिर से इसे इश्क मे जलानें जा रहा हूँ
#kavyotsav -2
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️

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जेहर हवाईजहाज मे घुमने वालो ने फैलाया
और नंगे पैर चलने वालो को मौत की सजा मिली

जेहर पिझ्झा बर्गर खाके पार्टी करने वालो ने फैलाया
और आधी रोटी के लिए अपना कतरा कतरा जलाने वालो को मौत की सजा मिली

जेहर 5 स्टार मे सोने वालो ने फैलाया
और पटरी पर सोने वालो को मौत की सजा मिली

#kavyotsav -2
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Current situation of corona😷
Apka apna kalamkaar ✍️♥️

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जिंदगी एक ताश का खेल है
कोई है दस्सा तो कोई गुलाम
बस दोस्त इक्के और जोकर जैसे चाहिये
तो हर बाज़ी पे है तुम्हारा नाम
#kavyotsav -2
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Kuch dosti ke naam
Apka apna kalamkaar ✍️♥️

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आजकल...

आजकल तेरी हर एक हरकत कुछ यू चोंट दे रहीं हैं की
मेरा हर एक जख्म दर्द के आन्सू रों रहा हैं
रोक ले इसे..
नही तो यें आंसुओ का समंदर बन जाएगा
मेरे साथ तुजको भी डुबा ले जाएगा

आजकल तेरा हर एक शब्द कुछ यू चिंगारी लगा रहा हैं की
मेरे खाक हुये दिल को शोले की तरह जला रहा हैं
रोक ले इसे..
नही तो इस जलन से सूरज भी जल जाएगा
मेरे साथ तुजको भी खाक बना जाएगा

#kavyotsav -2
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️

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छोड आयें जो गाँव का घर आंगण
आज वहीं बचा रहा हैं
जन्नत लगनें वाला कमबख्त सा शहर तों
हमें खाक के मिला रहा हैं
#kavyotsav -2
#coronasituation
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️

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आज एक पुरानी अलमारी खोली थी
झट से कुछ यादे गिरके बिखर गई
संवरने गया तो चूभे कुछ गलतियो के काटे
और हर बार की तरह मीले कुछ दोस्त मरहम लगाते
#kavyotsav -2
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️

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#kavyotsav -2
जिंदगी तो एक कागज था
औंर मैं एक खलीसी कलम
गजल तो तब रची गयीं
जब वो मुडके मुस्कुराई
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️

फिर से इस दिल में कोई तिर घुसा हैं
पेहरा तो बोहत रखा था मैंने
पत्थर की दिवारें, लोहें का दरवाजा थांँ
पर शायद ताला कांँच का लगा दिया था मैने
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Apka apna kalamkaar ✍️♥️
#Heart

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