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Sunita Bishnolia

Sunita Bishnolia Matrubharti Verified

@sunitabishnolia12gmailcom8248
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#सुप्रभात
लोग कहते अंधेरा रहेगा सदा
रात यूं ही धरा पर इतराएगी
मैं कहती हूँ तूफान कुछ दिन का है
सुबहा-सुहानी जरूर आएगी।
सुनीता बिश्नोलिया

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#महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं
अपने मन को मान शिवाला
शिव को ढूंढो अंतर में।
नहीं भटकना होगा तुमको
इस सृष्टि के सागर में।

मत बढने दो जिज्ञासाएं
मधुर मिलन होगा कैसे
मन से लो तुम नाम मिलेंगे
भावनाओं के शिव प्यासे।।
सुनीता बिश्नोलिया

http://www.vartikas.com/2023/02/blog-post.html

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सुप्रभात
अंधेरा घुप्प हो चाहे,उजाला ढूंढ लेंगे हम
राह अनजान हो चाहे,मंजिल ढूंढ लेंगे हम
बहुत है ग़म ज़माने में इल्म इस बात का लेकिन
उदासी के हर इक दरिया का रुख भी मोड़ देंगे हम।।
सुनीता बिश्नोलिया

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सुप्रभात
अंगड़ाई सूरज ने ली,
कर खोल रहा धीरे-धीरे।
चली यामिनी वसन समेटे,
खग कलरव करते यमुना तीरे।।
सुनीता बिश्नोलिया

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साँस-साँस की आस में, मन-मानस हो पास।
दूरी से कड़ियाँ जुड़े, सब अपने सब खास।।
सुनीता बिश्नोलिया

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http://www.vartikas.com/2023/01/blog-post_17.html
झूठा अंजन डाल कर ,मत कर आँखें बंद।
सत्य साथ देगा सदा,झूठ रहे दिन चंद।।
सुनीता बिश्नोलिया

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Sunita Bishnolia लिखित उपन्यास "जुड़ी रहूँ जड़ों से" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
https://www.matrubharti.com/novels/36804/judi-rahu-jadon-se-by-sunita-bishnolia

#विश्व_हिंदी_दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं
सरस शब्द ही जान है, इनसे है पहचान।
हिंदी की गाथा सकल, गाता सदा जहान।
नव सृजन, नव गीत और, दोहा, रोला,छंद
रस की गागर अंक भर,गाती मीठे गान।।
सुनीता बिश्नोलिया

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शुभरात्रि 🌼🌼🌼
ठिठुर रही दोपहर भी,संध्या है बेहाल।
सर्दी से छिपता फिरे,भूला सूरज चाल।।
कहानी "नफरत का चाबुक प्रेम की पोशाक - 2" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें
https://www.matrubharti.com/book/19937157/nafrat-ka-chabuk-prem-ki-poshak-2

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कह रही हूँ मैं कि कहना आ गया है
बिन किए वादे निभाना आ गया है,
बोझ लेकर अपने दिल पे हँसते हैं हम
बोझ हमको भी उठाना आ गया है।।
सुनीता बिश्नोलिया

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