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Subhamsaralcp

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पहली बात तो भगवान होता नही भगवान एक काम जरूर करे किसी मां बहन बेटी के किस्मत में बलात्कार ना लिखे और अगर लिखता है बलात्कार ना हो आकर बचा ले

-Subhamsaralcp

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रूबरू आंख से मैं नहीं हो सका
नींद में भी जगा मैं नहीं सो सका
जब कहीं भी सुनाया कहानी अगर
रो पड़ी महफिलें मैं नहीं रो सका

शुभम सरल सीपी

-Subhamsaralcp

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घर जा रहें हैं ना घर आ रहें हैं

कहीं बैठ हमसे वो शर्मा रहें है


न उनको पता है न हमको पता है

सफर दर सफर हम कहां जा रहें हैं


समंदर है पीने लगा मेरे आंसू

ये बादल कहां पानी बरसा रहें हैं


शुभम् सरल सीपी

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एक दिल है जो कहीं टूट गया होता है

जाने कब किससे ये रूठ गया होता है

तो कोई हमसे किसी से हमें मिलना था

जबकि पहले ही ये सब छूट गया होता है

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हमने गांवों में बिताई है नादानी अपनी
हमने राहों में खपा दी है जवानी अपनी
जिनको जाना है चले जाए चले जाए वो
हमने गजलों में सुनाई है कहानी अपनी

-Subhamsaralcp

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रुको ! एक और रिश्ता है मेरा तुमसे

ना हो मालूम तो तुमको बताऊं क्या

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प्रेम हो तो किसी को हम मार नहीं सकते या कोई भी नुकसान नहीं दे सकते हैं चाहे कितना भी कुछ भी उपद्रव हो जाए अगर किसी से हमें प्रेम है और उस व्यक्ति से मिलने जाते हैं तो चाहे हाथ में तलवार बंदूक यूरेनियम बम कुछ भी हो उसको हम कुछ भी नुकसान नहीं करेंगे साथ में चाहे कितना भी नुकसानदायक साथ ले जाए अगर मन में उसके लिए प्रेम है तो

और अगर मन में प्रेम नहीं है वह व्यक्ति को मारना है हमें तो साथ में चाहे तलवार बम यूरेनियम ना भी ले जाए तो यह शरीर ही काफी है ये मन ही पर्याप्त है उस को मारने के लिए

इसलिए प्रेम करो


शुभम् सरल सीपी

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https://youtu.be/90lEfBznzWM?si=vEJurgFSN3bqe_cr
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इक रस्ता था

उस रस्ते का इक राही था

उस राही का इक सपना था

सपने में इक

और एक उलझा सा

ऐसा इक सपना था
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ए मेरी जिंदगी तू भी कुछ साथ दे

और कुछ भी नहीं हाथ है हाथ दे

-Subhamsaralcp

सबसे पहले मिट गया जरूर मेरे मन का मैं
बात ये बड़ी हुई हुआ हूं तेरे मन का मैं
जो कई सालो से ध्यान तुझपे ही लगा रहा
वर्ना ये मुझे डुबा ही देता जेरे मन का मैं
मन बदन कहीं कही ये और सब कही कही
जब तुम्हारा पत्र मिला लगा की गांव आ गया
प्रेम के विषय तुम्हारा जब सुझाव आ गया

-Subhamsaralcp

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