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काव्य नगरी

काव्य नगरी

@sonumukesh


आपने मर कर छुपना चाहा ,
जख्म पे जख्म करना चाहा ।

-Sonu Mukesh

good morning

-Sonu Mukesh

good afternoon

-Sonu Mukesh

तमन्ना थी दर्द से तड़पने की ,
ख्वाहिश थी सजा खुद को देने की ,
क्योंकि ....
जब - जब मिलती कहती मुझसे ,
जख्म झेल लू पहले तुझसे ।

दुआ मांगती पहले खुदा से ,
कष्ट मिटा दे इसके दुनिया से ,

भले ही ......
Part 2 next day

-Sonu Mukesh

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हे राखी आज तू मन हर्षित करने वाला
त्योंहार है लाया ,
बहन के प्यार को याद दिलाने आया ,
जब जब टूटता रिश्ता प्यारा ,
फूल खिलाता तू प्यार का न्यारा ।

-Sonu Mukesh

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तर्क है जीव की जात सांचा ,
कौन है प्यार का नाथ सांचा ।

-Sonu Mukesh

good morning

-Sonu Mukesh

जिंदगी अनेक खेल दिखाने लगी ,
गमों से रिश्ता निभाने लगी ,
देख जिंदगी खुशी से जीना ,
दर्द दे कर जिंदगी सताने लगी ।

-Sonu Mukesh

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good morning

-Sonu Mukesh

आंखे तरेरती है
इशारों से मारती है ,
गुनाह खुद करके ,
इल्जाम हमपे डालती है ।

-Sonu Mukesh