Quotes by Smriti Sharma in Bitesapp read free

Smriti Sharma

Smriti Sharma

@smritisharma5438


हो ना हो दिल का सकूं उसने भी खोया होगा
चुरा के नींद मेरी वो भी ना सोया होगा।
जाने क्यों आज बरसता है टूट कर पानी
याद कर के मुझे फिर आज वो रोया होगा।

स्मृति शर्मा

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तुम्हारी धड़कनों से जुड़ गई हर तार सांसों की, चले भी आओ सदा देती है हर आह सांसों की। ज़हन की तह में कहीं अब भी प्यार होगा तेरा, वर्ना क्या बात है रुकती नहीं रफ़्तार सांसों की। स्मृति शर्मा

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तन्हाइयों में भी कभी तनहा नहीं होता मैं दूर सही उससे पर जुदा नहीं होता मुझे अक्सर गुमां होता है उसके पास होने का बढ़ाऊं हाथ तो फिर क्यूं मुझे हासिल नहीं होता।

स्मृति शर्मा

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हर नया इम्तिहान लेती है ज़िन्दगी रोज़ जान लेती है।

स्मृति शर्मा

चंद यादें संभाल ली हमने, ज़िन्दगी यूं संवार ली हमने, दिल में आईं जो भावनाएं वही, अपने शब्दों में ढाल ली हमने। जितने भी ज़िन्दगी ने दर्द दिए, अपने दामन में हमने ज़ब्त किए, सूखने पाई ना पलकों की नमी, फिर भी हंस कर गुज़ार ली हमने।
स्मृति शर्मा

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देखना ज़हनी मसर्रत भी मयस्सर होगी
किसी गुमराह को तुम राह दिखा कर देखो।
सकून ए दिल के लिए ये भी ज़रूरी है स्मृति
किसी रूठे हुए अपने को मना कर देखो।

स्मृति शर्मा

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कोई ख्वाहिश कभी इस दिल में बसा कर देखो
ज़िन्दगी बहुत हसीं है मुस्कुरा कर देखो।
पार हो जाएंगी ये मौज ए हवादिस भी ज़रूर
हौंसला कर के सफीने
को बढ़ा कर देखो।

स्मृति शर्मा

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फिर उम्मीदों से शुरू फिर बेज़ारी पर तमाम
क्या नया साल क्या नया दिन
क्या नई सुबह क्या नई शाम

स्मृति शर्मा

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आज फिर देर तलक मुझ को रुलाया उसने
फिर से इक वादा किया फिर ना निभाया उसने

स्मृति शर्मा

सन्नाटों ने साज़ संभाला सुर छेड़े पुरवाई ने
जब भी तुम्हारी याद ने करवट ली दिल की तनहाई में।

स्मृति शर्मा

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