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तुम मेरे साथ रहो ऐसी शाम सुबह चाहिए... चलते चलते तक गए है हमे थोड़ी सी पनाह चाहिए... जो तेरे दिल तक जाए मुझे वो राह चाहिए... इस दुनिया से अलग हमे तेरे दिल मे थोडीसी जगह चाहिए...
राजा महाराजा के तख्त को भी देखा है हिंदू मुस्लिम के बहते रक्त को भी देखा है।। कुछ इस तरह बदलते वक्त को भी देखा है हमने एकदिन वाले देशभक्त को भी देखा है।।
लबों पे तेरा नाम न हो ऐसी कोई सुबह शाम न हो तुम्हे चाहने के अलावा हमारा कोई काम न हो ।। हर रोज दुआ करते है हम खुदा से जिस दिन तुम्हे भूल जाए हमारे जिस्म मे जान न हो।।
सब कुछ होते हुए भी अधूरा तेरे बिन हूँ तु मेरा आसमाँ है और में जमीन हूँ।। खुदा ने बनाया है मुझे सिर्फ तेरे लिए में जादुई बोतल से निकला तेरा जिन हूँ।।
एक अनजानी सी शरारत हो गई हमको भी एक बुरी आदत हो गई।। हमसे भी खुदा की इबादत हो गई जब से हमे तुमसे मोहब्बत हो गई।।
तुम पहली नज़र से मेरे दिल मे उतर गए... हम अपना दिल तो क्या जान भी तेरे नाम कर गए... तेरी मोहब्बत मे हम इतना हद से गुजर गए... हम पागल तेरी नशीली आँखो से मर गए...
जो तेरे दिल तक जाती है मुझे वो राह चाहिए... तन्हा गुजार दी सारी जिंदगी अब तेरे दिल मे पनाह चाहिए... जिसमे मिलती है सजा इश्क़ की मुझे हर वो गुनाह चाहिए... वैसे तो सब कुछ है मेरे पास बस तेरे दिल मे थोड़ी जगह चाहिए...
धरती आकाश, नदी किनारे कोई तन्हा नही इस संसार मे यह लम्हे तेरे मेरे प्यार के इसे मत गुजार दो तकरार मे तेरे इश्क़ मे हुआ कुछ हाल ऐसा तुझे देखे बिना पल भर नही रह सकते दुआ है खुदा से तु भी रंग जा इस रंग मे और पागल हो जा मेरे प्यार मे
पता है तुझे मेरा वो दिन खास नही होता। जिस किसी दिन तु मेरे पास नही होता।।
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