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Shubham Khare

Shubham Khare

@shubhamkhare7063


*अब चूने में नील मिलाकर पुताई का जमाना नहीं रहा। चवन्नी, अठन्नी का जमाना भी नहीं रहा। फिर भी गुलजार साहब की लिखी यह कविता बेमिसाल है* ..... हफ्तों पहले से साफ़-सफाई में जुट जाते हैं चूने के कनिस्तर में थोड़ी नील मिलाते हैं अलमारी खिसका खोयी चीज़ वापस पाते हैं दोछत्ती का कबाड़ बेच कुछ पैसे कमाते हैं *चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....* दौड़-भाग के घर का हर सामान लाते हैं चवन्नी -अठन्नी पटाखों के लिए बचाते हैं सजी बाज़ार की रौनक देखने जाते हैं सिर्फ दाम पूछने के लिए चीजों को उठाते हैं *चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....* बिजली की झालर छत से लटकाते हैं कुछ में मास्टर बल्ब भी लगाते हैं टेस्टर लिए पूरे इलेक्ट्रीशियन बन जाते हैं दो-चार बिजली के झटके भी खाते हैं *चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....* दूर थोक की दुकान से पटाखे लाते है मुर्गा ब्रांड हर पैकेट में खोजते जाते है दो दिन तक उन्हें छत की धूप में सुखाते हैं बार-बार बस गिनते जाते है *चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....* धनतेरस के दिन कटोरदान लाते है छत के जंगले से कंडील लटकाते हैं मिठाई के ऊपर लगे काजू-बादाम खाते हैं प्रसाद की थाली पड़ोस में देने जाते हैं *चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....* अन्नकूट के लिए सब्जियों का ढेर लगाते है भैया-दूज के दिन दीदी से आशीर्वाद पाते हैं *चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....* दिवाली बीत जाने पे दुखी हो जाते हैं कुछ न फूटे पटाखों का बारूद जलाते हैं घर की छत पे दगे हुए राकेट पाते हैं बुझे दीयों को मुंडेर से हटाते हैं *चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....* बूढ़े माँ-बाप का एकाकीपन मिटाते हैं वहीँ पुरानी रौनक फिर से लाते हैं सामान से नहीं, समय देकर सम्मान जताते हैं उनके पुराने सुने किस्से फिर से सुनते जाते हैं *चलो इस दफ़े दिवाली घर पे मनाते हैं ....*
शुभ आरडीएक्स..।

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...Beshak...


Wo Insan Zindagi
Me Kabhi Nahi Har Sakta
Jis Ki Umeed "Rab" Se Ho.

shubh ratri....

Hapy Teacher's day ❤️

3 Jhooth
1→ Busy Tha,
2- Busy Hun,
3 → Bharosa Karo Mera,

shubh ratri...

किसी इंसान का पहला प्यार
बनना कोई बड़ी बात नहीं,
बनना है तो किसी का आखरी प्यार बनो।
इसलिए ये मत सोचो कि तुमसे
पहले किसी का प्यार था या थी,
कोशिश करो कि तुम्हारे बाद उसे
किसी के प्यार की जरूरत ना पड़े..।


शुभ आरडीएक्स।

शुभ रात्रि।

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नारी शक्ति

मै भारत बरस हरदम अमित सम्मान करता हूँ ,🙏🙏🙏
यहाँ की चांदनी मिट्टी का ही गुणगान करता हूँ ,☝☝☝
मुझे चिंता नही है स्वर्ग जाकर मोझ पाने की ,👧👧
तिरंगा हो कफन मेरा ,वस यही अरमान रखता हूँ ।👍👍

आप सब को 15 अगस्त कि हार्दिक शुभकामनाएं

शुभ रात्रि...। 👈👈👇

शुभ आरडीएक्स 👈👈👆👆

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हम अनमोल तो नहीं
मगर बारिश के बूंदों की तरह ख़ास ज़रूर है.

जो कभी हाथो से गिर जाये
तो मिला नहीं करते...

शुभ रात्रि।

शुभ आरडीएक्स

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वो मैं हूँ..

गुज़ार दिए होंगे तुमने, कई दिन, महीने, साल..
जो काट ना सकोगे वो एक रात मैं हूँ।
की होगी गुफ्तगू, तुमने कई दफा कई लोगों से,
दिल पर जो लगेगी वो एक बात मैं हूँ।
भीड़ में जब तन्हा,खुदको तुम पाओगे,
अपनेपन का एहसास जो करा दे, वो एक साथ मैं हूँ।
बिताये होंगे तुमने कई हसीन पल सबके साथ में,
जो भुला नहीं पाओगे, वो एक याद मैं हूँ।

शुभ आरडीएक्स

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अलविदा राहत इंदौरी...।

एक ही नदी के हैं ये दो किनारे दोस्तों
दोस्ताना जिंदगी से, मौत से यारी रखो

जिंदगी और मौत पर राहत इंदौरी
😓😨😰😫

शुभ आरडीएक्स।

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