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Shubham Pandit

Shubham Pandit

@shubham2.0


अब चाहकर छोड़नेे वालों की तादाद आ गयी
एक भी मोहब्बत मुकम्मल हो ये फरियाद आ गयी ,
एक समुंदर जैसे शख्स को दिले -दरिया में डूबे देखा था,
आज आइने की ओर देखा तो उसकी याद आ गयी।

- Shubham Pandit

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उड़ चली तितली उस कली से,
जिस बाग में हमने फूल लगाए थे।
दो आसूं होते तो दिखा भी देते,
हमने इन्हीं आंखों से दरिया बहाए थे।।
- Shubham Pandit

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इस दिल के दो पहलू हैं भाई,
एक में वफ़ा ,दूसरे में बेवफाई।
इसी में छुपती है खामोशी,
इसी में दिखती है सरगोशी।
एक में यादों की अंगड़ाई,
एक में रातों की तन्हाई।।

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गर ज़वाब हो तो कुछ मीज़ाज लिखा जाय,
पर आप लाज़वाब हो तो क्या ही लिखा जाय।
- Shubham Pandit

डोसे पर इडली लगती है,
गुस्से में बिजली लगती है।
ब्युटीफुल इतनी लगती है,
फूलों पर तितली लगती है।।
- Shubham Pandit

वो तो हमें भी पसंद है किसी दिल में ठहरना
पर दौर-ए-मोहब्बत में साए वफ़ा ही नहीं
- Shubham Pandit

खुद में गुमशुदा था मैं,ठिकाना न था बसेरे का,
अल्फाजी उजालों से दूर किया मंजर अंधेरे का।।