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अब चाहकर छोड़नेे वालों की तादाद आ गयी एक भी मोहब्बत मुकम्मल हो ये फरियाद आ गयी , एक समुंदर जैसे शख्स को दिले -दरिया में डूबे देखा था, आज आइने की ओर देखा तो उसकी याद आ गयी। - Shubham Pandit
उड़ चली तितली उस कली से, जिस बाग में हमने फूल लगाए थे। दो आसूं होते तो दिखा भी देते, हमने इन्हीं आंखों से दरिया बहाए थे।। - Shubham Pandit
इस दिल के दो पहलू हैं भाई, एक में वफ़ा ,दूसरे में बेवफाई। इसी में छुपती है खामोशी, इसी में दिखती है सरगोशी। एक में यादों की अंगड़ाई, एक में रातों की तन्हाई।।
गर ज़वाब हो तो कुछ मीज़ाज लिखा जाय, पर आप लाज़वाब हो तो क्या ही लिखा जाय। - Shubham Pandit
डोसे पर इडली लगती है, गुस्से में बिजली लगती है। ब्युटीफुल इतनी लगती है, फूलों पर तितली लगती है।। - Shubham Pandit
वो तो हमें भी पसंद है किसी दिल में ठहरना पर दौर-ए-मोहब्बत में साए वफ़ा ही नहीं - Shubham Pandit
खुद में गुमशुदा था मैं,ठिकाना न था बसेरे का, अल्फाजी उजालों से दूर किया मंजर अंधेरे का।।
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