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Shrvan Kumar Rana

Shrvan Kumar Rana

@shrvankumarrana5874


हो है ज़रा सी मीठी-मीठी हलकी सी खारी यारो यारी

हो.. यार वह जो समझे बात बिन बोले साड़ी यारो यारी

वो.. ो... वो.. ज़िंदा यारों से हुई ज़िन्दगी वो.. ो... वो.. तेरी-मेरी

हु.. हूँ..

हो कच्ची पक्की गुल्लकों तो तोड़ ताड़ कर चिल्लरों को अपने सारे जोड़ जाड कर तेरे हिस्से की मैं स्माइल को खरीद लूँ मेरी स्माइल का कहीं न कहीं से तू जुगाड़ कर चाय वाले अड़

वो.. ो... वो.. ज़िंदा यारों से हुई ज़िन्दगी वो.. ो... वो.. ज़िंदा यारों से हुई ज़िन्दगी वो.. ो... वो.. तेरी-मेरी

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