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देखा मुझे जिसने जिस नजर से मैं उसे उसी रूप में नजर आई कमियां ढूंढने वालों को दिखी अनगिनत कमियां और खूबियां ढूंढने वालों को एक कमी भी नजर ना आई।। सरोज✍️ - Saroj Prajapati
संभलने के लिए गिरना भी जरूरी है संवरने के लिए बिखरना भी जरूरी है सुलझने के लिए उलझना भी जरूरी है ये जिंदगी है साहब! यहां हर कदम पर तजुर्बे भी जरूरी है।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
ज्योति का पर्व रोशन करें घर- बार घर बार संग मन- आंगन में भी सकारात्मक का एक दीप जलाएं इस बार जब अंतर्मन होगा प्रकाशमान 🪔 तभी सार्थक होगा दीपावली का पावन त्योहार ।🪔🎇 आपको सपरिवार दीपावली पर्व की रोशनी व मिठास से भरी हार्दिक शुभकामनाएं ।🙏🙏 सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
छोटी दिवाली बड़ी बहन दीवाली की उंगली पकड़े आई छोटी दीवाली मचल मचल बड़ी बहन से हठ कर बैठी करवाओ पहले मेरे स्वागत की तुम तैयारी माना तुम्हारे लिए दीपों की कतार सजेगी लेकिन मेरे लिए भी कुछ तो दीप जलाओ बड़ी बहन हो कुछ तो बड़ी बहन का तुम फर्ज निभाओ सुनकर उसकी मीठी बातें बड़ी दिवाली मुस्काई स्वागत होगा तुम्हारा पहले, फिर बारी मेरी आएगी तुम्हारे आगमन पर शुभ पांच दीप जलेंगे उसके बाद ही बड़ी दिवाली मनाई जाएगी ।।🪔🎇 सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
हां बदल गया सभी त्योहारों का स्वरूप चकाचौंध में खो गया इनका सादगी भरा रूप लेकिन क्यों इन बातों को मन से लगाना त्योहार आपका इसे अपने अनुसार मनाएं कुछ पुराना तो कुछ नया कलेवर अपनाएं खुशियां मनाने में ना ज्यादा गुणा भाग करें खुलकर मनाएं सब त्योहार क्योंकि साल में आते हैं ये सभी एक बार।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
यह तीज त्यौहार भी किसी खास संगे संबंधी की तरह होते हैं जो कभी खाली हाथ नहीं आते। जब आते हैं तो अपने साथ खुशियां और प्रेम की ढेरों सौगातें लेकर आते हैं और जाते हुए रिश्तों में ताजगी, सुकून और अपनेपन की गर्माहट भर जाते हैं । सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
परिवार सिमट रहे हैं, दिखावे बढ़ रहे हैं।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
रौनकें लगी त्योहारों की सज गए घर कूचे और बाजार सब व्यस्त हैं, सब मगन है कोई कमी ना रहे खुशियां मनाने में इस बार लेकिन कुछ बूढ़ी पथराई सी आंखें इस बरस भी कर रही अपने चिरागों के लौटने का इंतजार।। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
वाकई में ही अक्टूबर, तुम माह बड़े हो खास तुम्हारे आते ही मन में उमंग तरंग सी छा जाती है मौसम में भी गुलाबी ठंडक सी भर जाती है और त्यौहारों की छटा चारों ओर बिखर हमारे मन को हर्षोल्लास से भर जाती है। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
कठिन हालात में भी स्वभाव में नरमी बनाए रखें क्योंकि लोग आपके हालात नहीं स्वभाव याद रखते हैं। सरोज प्रजापति ✍️ - Saroj Prajapati
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