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Saroj Prajapati

Saroj Prajapati Matrubharti Verified

@saroj6130
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बोलने से पहले अपने शब्दों के चयन पर
करें थोड़ा सोच विचार
क्योंकि आपके शब्दों से ही झलकती है
आपके माता-पिता की परवरिश और संस्कार ।
@saroj....✍️




- Saroj Prajapati

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Dear ladies
बेटियों को रोटियां गोल बनाने में पसीना बहाने से जरूरी
उनको अपने गोल (लक्ष्य) को पाने के काबिल बनाइए।।
@saroj.....
- Saroj Prajapati

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एक दिमाग और सौ अफसाने
कोई खाली दिमाग में शैतान बिठाएं
तो कोई इसमें भूसा भरवाएं
कोई इसको बनाके घोड़ा खूब तेज दौड़ाएं।
बुद्धिजन इसकी तंदुरुस्ती हेतु
इसे खूब बादाम अखरोट खिलाएं ।
किसी का दिमाग कंप्यूटर का खिताब पाएं
और किसी का जड़ बुद्धि कहलाएं ।
कोई इसे सद्कर्मों में लगाएं
और कोई इससे चार सौ बीसी करवाएं ।
वैसे तो दिल और दिमाग में रहती यारी
लेकिन दिमाग दिल पर पड़ता हमेशा भारी।
इस दिमाग की महिमा अपरम्पार
चंद शब्दों में न की जाएं बखान
अतः कलम को देती मैं अब विश्राम।।
सरोज ✍️


- Saroj Prajapati

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खाली दिमाग
न सूझे कोई जवाब
उस पर रख विश्वास
होगी हर मुश्किल आसान।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
@saroj.....✍️
- Saroj Prajapati

सुबह उम्मीद,शाम इंतजार
इनमें ही बीत जाती जिंदगी तमाम।।
सरोज ✍️
- Saroj Prajapati

एक दिन खोल कर बैठी जो जिंदगी की किताब
लगे शिकायतें करने, अधूरी ख्वाहिशों के पन्ने एक साथ।
इन पीले धुंधले यादों के पन्नों ने बड़े बुजुर्ग सा समझाया
सबके लिए बहुत किया, कुछ अब अपने बारे में सोच ।
दिखने लगी बालों में सफेदी और धुंधली पड़ने लगी आंख
उम्र फिसल रही रेत सी और शरीर भी हो रहा निढाल ।
थोड़ा ठहर! समय दो खुद को, क्यों करती इतनी भागम भाग
जिम्मेदारियां तो मरते दम तक यूं ही लगी रहेगी साथ।
लेकिन दुनिया से जाने से पहले, जी लो जिंदगी खुलकर एक बार।
ना रहे मन में कोई ख्वाहिश अधूरी ना रहे कोई मलाल
जब जुदा हो जिंदगी से,तब खूबसूरत यादों के
साए जाएं साथ।
सरोज ✍️


- Saroj Prajapati

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बुद्धिमानी का चश्मा लगाकर
मुस्कुराने की वजह ढूंढने चले हो दोस्त
बुरा मत मानना ! खाली हाथ ही लौटोगे!!
सरोज ✍️


- Saroj Prajapati

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listen people
ये जो नमक है ना.....
वो खाने का स्वाद बढ़ाने के लिए है
किसी के ज़ख्मों पर छिड़कने के लिए नहीं!!
- Saroj Prajapati✍️

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listen people
यह जो कान है ना! वो सुनने के लिए है
इधर-उधर लगाने के लिए नहीं।।
सरोज की क़लम से ✍️
- Saroj Prajapati

शायद वादियों को भी हो गया था
शैतानों के नापाक मकसद का गुमान
तभी फटा मूक पहाड़ों का सीना
और फूट फूटकर रोया था
एक दिन पहले ही आसमान !!
सरोज ✍️
- Saroj Prajapati

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