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Saroj Prajapati

Saroj Prajapati Matrubharti Verified

@saroj6130
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देखा मुझे जिसने जिस नजर से
मैं उसे उसी रूप में नजर आई
कमियां ढूंढने वालों को दिखी अनगिनत कमियां और
खूबियां ढूंढने वालों को एक कमी भी नजर ना आई।।
सरोज✍️


- Saroj Prajapati

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संभलने के लिए गिरना भी जरूरी है
संवरने के लिए बिखरना भी जरूरी है
सुलझने के लिए उलझना भी जरूरी है
ये जिंदगी है साहब! यहां हर कदम
पर तजुर्बे भी जरूरी है।।
सरोज प्रजापति ✍️
- Saroj Prajapati

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ज्योति का पर्व रोशन करें घर- बार
घर बार संग मन- आंगन में भी
सकारात्मक का एक दीप जलाएं इस बार
जब अंतर्मन होगा प्रकाशमान 🪔
तभी सार्थक होगा दीपावली का पावन त्योहार ।🪔🎇
आपको सपरिवार दीपावली पर्व की
रोशनी व मिठास से भरी हार्दिक शुभकामनाएं ।🙏🙏
सरोज प्रजापति ✍️
  

- Saroj Prajapati

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छोटी दिवाली
बड़ी बहन दीवाली की उंगली पकड़े आई छोटी दीवाली
मचल मचल बड़ी बहन से हठ कर बैठी
करवाओ पहले मेरे स्वागत की तुम तैयारी
माना तुम्हारे लिए दीपों की कतार सजेगी
लेकिन मेरे लिए भी कुछ तो दीप जलाओ
बड़ी बहन हो कुछ तो बड़ी बहन का तुम फर्ज निभाओ
सुनकर उसकी मीठी बातें बड़ी दिवाली मुस्काई
स्वागत होगा तुम्हारा पहले, फिर बारी मेरी आएगी
तुम्हारे आगमन पर शुभ पांच दीप जलेंगे
उसके बाद ही बड़ी दिवाली मनाई जाएगी ।।🪔🎇
सरोज प्रजापति ✍️





- Saroj Prajapati

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हां बदल गया सभी त्योहारों का स्वरूप
चकाचौंध में खो गया इनका सादगी भरा रूप
लेकिन क्यों इन बातों को मन से लगाना
त्योहार आपका इसे अपने अनुसार मनाएं
कुछ पुराना तो कुछ नया कलेवर अपनाएं
खुशियां मनाने में ना ज्यादा गुणा भाग करें
खुलकर मनाएं सब त्योहार क्योंकि साल में
आते हैं ये सभी एक बार।।
सरोज प्रजापति ✍️



- Saroj Prajapati

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यह तीज त्यौहार भी किसी खास संगे संबंधी की तरह होते हैं
जो कभी खाली हाथ नहीं आते।
जब आते हैं तो अपने साथ खुशियां और प्रेम की ढेरों सौगातें लेकर आते हैं और जाते हुए रिश्तों में ताजगी, सुकून और अपनेपन की गर्माहट भर जाते हैं ।
सरोज प्रजापति ✍️

- Saroj Prajapati

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परिवार सिमट रहे हैं, दिखावे बढ़ रहे हैं।।
सरोज प्रजापति ✍️


- Saroj Prajapati

रौनकें लगी त्योहारों की
सज गए घर कूचे और बाजार
सब व्यस्त हैं, सब मगन है
कोई कमी ना रहे खुशियां मनाने में इस बार
लेकिन कुछ बूढ़ी पथराई सी आंखें
इस बरस भी कर रही अपने
चिरागों के लौटने का इंतजार।।
सरोज प्रजापति ✍️


- Saroj Prajapati

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वाकई में ही अक्टूबर, तुम माह बड़े हो खास
तुम्हारे आते ही मन में उमंग तरंग सी छा जाती है
मौसम में भी गुलाबी ठंडक सी भर जाती है
और त्यौहारों की छटा चारों ओर बिखर
हमारे मन को हर्षोल्लास से भर जाती है।
सरोज प्रजापति ✍️






- Saroj Prajapati

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कठिन हालात में भी स्वभाव में नरमी बनाए रखें
क्योंकि लोग आपके हालात नहीं स्वभाव याद रखते हैं।
सरोज प्रजापति ✍️


- Saroj Prajapati

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