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बेइम्तिहा मोहोब्बत {सीजन-1}: https://www.pocketnovel.com/novel/6ffabf124ea2b66edc1d060f5bb3a9dc644f806c
बाहुबली-3 {सीजन-1}: https://www.pocketnovel.com/novel/dea294ecf1fa2a84ffc22033f6651e0eb9db7cf7 #noval #webseries
भैरवा-एक अनोखी प्रेम कहानी : https://www.pocketnovel.com/novel/2e5cc441949e36d3c5cd4e86c5d92a60fa2434a0
मुझे बहुत भूख लग रही थी,रात के वक्त आधी नींद में अपनी आंखों को मिलते हुए मैं उठी, और सीधा सीढ़ियों से होते हुए रसोई की तरफ नीचे गई। पूरे आंगन में मंद अंधेरा था,मैंने देखा की रसोई का दरवाजा खुला था और मैंने खिड़की से देखा ,कोई औरत दीवार की तरह मुंह किए खड़ी थी। उसके बाल खुले थे ,वह कुछ खा रही थी। मैं सीधे दरवाजे से होते हुए अंदर गई । मुझे लगा कि वह मेरी मॉम है। " मॉम, क्या आपको भी इतनी रात गए भूख लगी है?"- शब्दों के साथ ही मैंने फ्रिज खोला और फ्रिज से खाना निकाला, पर वह औरत चुपचाप खाना खाए जा रही थी। " क्या हुआ मॉम ?आप कुछ बोल क्यों नहीं रही?"- मैंने खाना खाते हुए पूछा, पर फिर भी वह औरत कुछ नहीं बोल रही थी। " चलो ठीक है! मैं जाती हूं और रसोई की लाइट बंद करना मत भूलना।"- तभी मैं खाने का टिफिन हाथ में लिए खाते-खाते रसोई से बाहर आई और सीढ़ियों से चढ़कर अपने कमरे की तरफ जाने लगी। मैंने एक बार फिर रसोई की तरफ पलट कर देखा ,वह औरत अभी भी दीवार की तरफ मुंह किए खाना खा रही थी। मैंने इस तरफ ध्यान नहीं दिया और सीधा अपने कमरे की तरफ चल पड़ी। जब मैं अपने कमरे के पास पहुंची तो बिल्कुल मेरे कमरे के पास मेरे मॉम डैड का कमरा है ,वहां से अंगड़ाई लेते हुए मेरी मोम बाहर निकली और उसने मुझे देखा-" क्या हुआ बेटा ? तुम इतनी रात को क्यों भटक रही हो?"- मेरी मॉम ने पूछा, " वो कुछ नहीं मोम, भूख लगी थी तो.....!!!...."- तभी मैं एकदम से अपने शब्दों के साथ थम गई, मेरे हाथ से वह खाने का टिफिन छूट गया, और मैंने पलट कर रसोई की तरफ देखा। अब वहां कोई नहीं था ,सिर्फ लाइट जल रही थी, और रसोई का दरवाजा खुला था। " क्या हुआ बेटा ?अचानक से तुम घबरा क्यों गई?"- मेरी मॉम ने पूछा, पर मैं अभी भी सदमे में खड़ी रसोई को निहार रही थी। मैं बहुत डर गई ,और कांपने लगी। आखिर कौन थी वो? समाप्त जब कहानी लिखता हू तो खो जा जाता हूँ ,..और जब हॉरर कहानिया होती है तो डर और बढ़ जाता है ,,..हॉरर कहानियो को मैं लगभग रात के समय लिखता हूँ ,कहानी लिखने मे दिमाग बहुत दौड़ना पड़ता है ,..बहुत मेहनत होती है ,,.मेरी मेहनत पर आपकी समीक्षा बहुत जरूरी है ... अपनी समीक्षा जरूर दीजियेगा ...,धन्यबाद सोमबीर राज माजरा #Nature
सोमबीर राज "पंकज" की पोस्ट्स, https://www.matrubharti.com बार-बार फोन करने पर ध्रुव कोई जवाब नहीं दे रहा था., अपने चेहरे पर बेचैनी लिए छोटा भाई बोला -" अरे फोन उठा नालायक..., जिसे तू पकड़ रहा है वह तेरे बाप जैसे कई बापों का बाप है.. " लेकिन ध्रुव फोन नहीं उठा रहा था., आखिर भैरवा है कौन?? शहर का नामी गुंडा.. छोटा भाई.. भैरवा की फोटो देखते ही क्यों पसीना छोड़ने लगा..??
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