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लगता अब कुछ खत्म हो गया है समय के लिए शायद समय नही बचा है। - Ruchi Dixit
बातो का विवाद बन्द होगा लगता है जब मौन अनुबंध होगा इक -इक सीढ़ियों पर थोड़ा -थोड़ा द्वन्द्व होगा;;;;;;; - Ruchi Dixit
सामाजिक परिपाटी से जन्मे औपचारिक संबंध अपनी स्थिति से च्युत हुए पुनः रोपण के प्रयास में - Ruchi Dixit
जब हम कुछ नहीं कर रहे होते उस समय भी हम कुछ कर रहे होते हैं। - Ruchi Dixit
मरने की बाते करता है मरना? भला कैसा मरना ? क्या होता है मरना ? स्वाँसो से शरीर का साथ छूटना क्या यही है मरना ? अथवा चलना जीवन? क्या छूटने से क्या छूटता है? मरने मे आखिर क्या मरता है....,,,,, - Ruchi Dixit
समय राजा बना सकता, अथाह संपत्ति भी दिला सकता है किन्तु एक मृत हृदय को पुनर्जीवित नहीं कर सकता। - Ruchi Dixit
शिकायत!! यदि बाहर आय तोे किसी को आहत करने का माध्यम बन जाती है मगर यदि बाहर न आये तो यह व्यक्ति के भावनात्मक रूप से दोहरे व्यक्तित्व को जन्म देती है। किन्तु यदि देखा जाये तो वास्तव में शिकायत व्यक्ति के जीवन में महत्व को प्रकट करती है....! - Ruchi Dixit
अनमने मन से की गई बात, प्रेम, परवाह केवल सर पर रखी उस गठरी के समान है जिसे उसके गन्तव्य तक पहुँचाना हो । - Ruchi Dixit
औपचारिकता की चादर ओढ़ ली भावना, भावना सी नही रही। - Ruchi Dixit
नपे तुले शब्दों से कभी वास्ता न रहा जो भाव भाव आये जैसे वैसा कहा। नफा और नुकसान वही जाने जिसने बनाया वही पहचाने। - Ruchi Dixit
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