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आज बहुत दिनों बाद, मैंने कुछ महसूस किया है। जो छूट गया था मुझसे, वो अनायास ही याद किया है।
काश.... मुकम्मल हुआ करता, सच्चा इश्क... तो यूं जमाने में, इश्क़-ए-दर्द लिए, लोगों की महफ़िल ना होती। होती खुशियां हर दिन.. तन्हा गमों की.. झड़ी ना होती...। ए काश कि, महोब्बत मुक़म्मल हुआ करती।।
कुछ निशां छोड़ जाऊंगा मैं, जब कभी लौटूँ अनजान होकर, तो तारीफ़ में वाह ही बाकी रहे।
ढूंढो तो सही, मैं यही हूँ....। गर जतन ही ना हो, तो कहीं नही हूँ।।
. -Rajesh Kumar
टूटा हौसला और उन्होंने आकर कहा, थोड़ा सब्र कर मुक़ाम मिल जाएगा। बस बढ़ते रहो डटकर, जो चाहा वो मिल जाएगा।
तलाश जिसे भी सुकून की, उसे कभी सुकून ना मिला। जिसने तलाशा ही नही सुकून, उससे सुकून कभी दूर ना हुआ।। ©️राजेश कुमार
लाख कोशिशें, खुश रखूं सभी को। मगर अफ़सोस, खुद का हक मारकर भी, मैं ये कर ना सका, बड़ी शिकायत है साहब, रिश्तों में भी आजकल। लोग रिश्तों को कम, फ़ायदे को तवज्जो देते हैं। फिर भी कोशिश मेरी, कोई खफ़ा न हो, जिंदगी के सफ़र से, बेवज़ह कोई जुदा न हो। इस लिए जुस्तजू मुस्कुराने की, हर रिश्ते में गुल खिलाने की। हाँ आख़िरी पड़ाव पर, मुझे मुझसे कोई शिकायत न हो।। ©️राजेश कुमार
तलाश एक सख्स की, बैचेन बना रही है। नही है कोई हिस्सा मेरे सफर का, यही बात मुझे सूना बना रही है। ©️राजेश कुमार
नई सुबह है,नई उमंगे, माँ जगदम्बा तेरी कृपा से। कभी किसी का दिल न दुखे मेरे अपने कर्मों से, हर पल उल्लास भरे अब, हर दिन भर जाए खुशियों से। #Navratri
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