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अब तुम ही बताओ.... मुझे क्या करना चाहिये ? इंतज़ार किसका ? वक्त का या रहना चाहिए मौन उस दूर झितिज में अस्त होते सूरज की तरह............. -राघवेन्द्र राज
पसीने से तर बतर औरतें झौंक देती हैं रसोई की आग में अपने सारे अरमान सारे सपने और हो जाती है सदा के लिये सवेंदनाओ से मुक्त -राघवेन्द्र राज
जब भी उनकी बात ख़ामोशी से सुनते है। नित रोज नए नए ख़्वाब बुनते है। ©राघवेन्द्र राज
उम्रभर ढूंढता रहा उस प्रेम को जो मुझे मेरी माँ के आँचल में मिला। @राघवेन्द्र राज
छुपे सारे राज़ जानता है। आईना मुझे पहचानता है। ©राघवेन्द्र राज
लापरवाही विनाश के आगमन का संकेत है। ©राघवेन्द्र राज
तुझे सुना नही है कई दिनों से , बड़ा नुकसान सा मेरे कानों को हुआ है। ©®राघवेन्द्र राज
किताबों को पढ़ने का अजब जुनून सा है। कागज की खुशबू में अजब सुकून सा है। ©®राघवेन्द्र राज #विश्वपुस्तकदिवस की हार्दिक शुभकामनाएं #Born
बच्चे जब बड़े हो गए तो फिर भटकते क्यों हैं। जब वो सब समझते है, तो फिर झगडते क्यों है। राघवेन्द्र राज #Ask
तुम जो करते हो वो छुपता नही है। तुम गद्दारो के आगे देश झुकता नही है। #coronawarrior #shametabligijmat #Starting
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