Quotes by raj in Bitesapp read free

raj

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@raj25
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book name - accidentle marriage between them ( 26 Oct)

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book name - The Devil's Journalist Wife

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एक कवि प्रेमी अपनी प्रेमिका को एक डायरी देता है उपहार के रूप मे ।

वो उसे वो डायरी देते हुए कहता है …
जब भी मैं तुम्हारे पास ना रहूं ,और तुम्हे मेरी याद सताए ,तो इस्में मेरे बारे में लिखना , हमारे बारे में लिखना , कुछ शिकायते लिखना ,बहुत सारे जज्बात लिखना । ख्वाहिशें लिखना , राज लिखना , डर भी लिखना । हमारे साथ बिताए बीते पल लिखना, जो हम साथ बितायेगे उन पलो को भी लिखना ।

 जो बाते ना बोल पाओ किसी से भी वो सारी बाते इसमें लिखना । …
जब हमारा मिलन होगा तब साथ मिलकर इसको पढ़ेंगे । 

यादों की कस्ती वक्त के साथ कुछ यू ही बह गई , प्रेमी और प्रेमिका का मिलन न हो सका ,पर वो डायरी प्रेमी के पास आ गई । 

वो उसको पढ़ता है.…
अपनी प्रेमिका को ऐसा तोहफा कोन देता है , क्या करूंगी मैं इसका , कवि वो है मैं नही हु । 
उनके साथ रह कर मुझे भला कैसे लिखना आ जायेगा । 
पर अब उन्होंने पहला तोहफा ऐसा दे ही दिया है तो , कुछ लिखने की कोशिश मैं भी कर ही लेती हु । 
क्या क्या लिखने को कहा था उन्होंने ,शिकायते , जज्बात , हा याद आ गया । 
उन्होंने कहा था उनकी याद आए तब लिखना ,  
उनको केसे समझाऊ , याद तो उनकी बहुत आती है मुझे , पर उनके जैसा लिखना नही आता ना मुझे ।

शिकायते वो तो बहुत है उनसे , सजा भी सारी सोच रखी है मेने । 
रूठने का सिलसिला कितने समय तक रहेगा। मनाने पर कितनी जल्दी मान जाना है । 
जिद और हठ किन किन बातों पर करने है , कब उनके सामने बच्चा बनना है । 
ज्यादा समझदार हम में से कोन होगा । 
उनके साथ हंसना है , उनके दुख मे दुखी होना है।  
उन्होंने ये भी कहा था मुझे , साथ मिल कर हमारे मिलन के बाद पढ़ेंगे इसको। इस जन्म में न सही अगले जन्म में ही सही । 

क्या क्या लिखूं और , बस इतना ही काफी है , क्युकी कहा था ना उनके जेसे लिखना नही आता है मुझे

by rajshree chouhan

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जब जब लगा हैं जानने लगा हू तुमको, तुम एक नई पहेली बन कर सामने आ जाती हो

कोन हो तुम ?

क्या तुम वो ख्वाव हो जिसे मैंने खुली आँखों से
देखा है ?

या तुम वो हकीकत हो, जिसे मैं नींद में भी देखना चाहता हु ?

क्या तुम वो कहानी हो, जिसे हर कोई पढ़ना चाहता है ?

या तुम वो रहस्य हो, जिसे आज भी कोई नहीं ढूंढ पाया है ?

क्या तुम वो गीत हो, जिसे हर कोई गुनगुनाना चाहता है ?

या तुम वो खामोश हो ,जिसे आज भी कोई नहीं सुन पाया है ?

By rajshree chouhan

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