Quotes by Rahi in Bitesapp read free

Rahi

Rahi

@rahul4055


गलती नीम की नहीं
कि वो कड़वा है
खुदगर्जी जीभ की है कि
उसे मीठा पसंद है

-Rahi

वह आए हमें डुबोने के लिए, और हमें तैराक बना कर चले गए

-Rahi

जिस नजाकत से

लहर

पैरों को छूती है.. यकीन नही होता इन्होने कभी कश्तियाँ डूबाई होगी..

-Rahi

निकले हम दुनिया की भीड़ में तो पता चला कि हर वो शख्स अकेला है जो दुसरो पर भरोसा करता है

-Rahi

खुल सकती हैं गांठें बस ज़रा से जतन से मगर लोग कैंचियां चला कर सारा फ़साना बदल देते हैं..
राही!

-Rahi

उड़ा देती हैं नींदे कुछ जिम्मेदारियां घर की रात में जागने वाला हर शख्स आशिक नहीं होता..

राही !

अंदाजे से ना नापिये किसी की हस्ती को ठहरे हुए दरिया अक्सर गहरे होते हैं..
राही!

-Rahi

बहुत अच्छी हैं खामोशीयां जो शांत रहती हैं,
वरना जमाना तो हर शब्द का मतलब निकाला है!

राही!

अपनों के बीच बेगाना सा मे, गलती मेरी थी!
या वो समझ न सके!
रही!

बड़ी हश्रत थी दोस्त बनाने की , मगर जमाना बडा व्यापारी है, मेंरे दोस्त! लोग उसमें भी मुनाफा ढूंढते हैं।


राही!

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