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Preeti

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@preeti6655


क्यों नहीं

है अगर सूर्य की सबको जरूरत,
तो उसे डूबने से कोई रोकता क्यों नहीं।
और है अगर सबको चांद की चाहत ,
तो उसे अमावस के दिन कोई ढूंढता क्यों नहीं।

होते हैं यदि सबके सारे ख्वाब मुकम्मल ,
तो बिखरे सपनो को कोई सहेजता क्यों नहीं ।
हो  हृदय में  जज्बातों के तपिश का भार,
तो उस बोझ को कोई  हटाता क्यों नहीं।

है अगर मेरी प्रेम भक्ति सच्ची ,
तो वो ईश मेरे सामने आता क्यों नहीं ।
और यदि हुई है मुझसे कोई खता,
तो वो मुझे बतलाता क्यों नहीं।

मन मे उमड़ते सवालों की गुत्थी,
कोई सुलझाता क्यों नहीं ।
होते हैं सभी प्रश्नों के जवाब ,
तो मुझे मेरे उत्तर मिलते क्यों नहीं।

यदि हैं कोई जो इस चंचल चित्त को शांत करे
तो वो अपनी हिम्मत दिखाता क्यों नहीं ।
हो ऐसा जिसके पास हो मेरे मसलों का हल ,
तो वो जवाब लेकर मेरे समक्ष आता क्यों नहीं। ......
                                                     By- Preeti Sah

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क्यों नहीं

है अगर सूर्य की सबको जरूरत,
तो उसे डूबने से कोई रोकता क्यों नहीं।
और है अगर सबको चांद की चाहत ,
तो उसे अमावस के दिन कोई ढूंढता क्यों नहीं।

होते हैं यदि सबके सारे ख्वाब मुकम्मल ,
तो बिखरे सपनो को कोई सहेजता क्यों नहीं ।
हो  हृदय में  जज्बातों के तपिश का भार,
तो उस बोझ को कोई  हटाता क्यों नहीं।

है अगर मेरी प्रेम भक्ति सच्ची ,
तो वो ईश मेरे सामने आता क्यों नहीं ।
और यदि हुई है मुझसे कोई खता,
तो वो मुझे बतलाता क्यों नहीं।

मन मे उमड़ते सवालों की गुत्थी,
कोई सुलझाता क्यों नहीं ।
होते हैं सभी प्रश्नों के जवाब ,
तो मुझे मेरे उत्तर मिलते क्यों नहीं।

यदि हैं कोई जो इस चंचल चित्त को शांत करे
तो वो अपनी हिम्मत दिखाता क्यों नहीं ।
हो ऐसा जिसके पास हो मेरे मसलों का हल ,
तो वो जवाब लेकर मेरे समक्ष आता क्यों नहीं। ......
                                                     By- Preeti Sah

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