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#हमसे खुले आम #दुश्मनी कर लेना, पर #दिखावे की #दोस्ती कभी ना करना..
मन की लिखूँ तो शब्द रूठ जाते हैं, और सच लिखूँ तो अपने रूठ जाते हैं... . जिन्दंगी को समझना बहुत मुशकिल हैं जनाब, . कोई सपनों की खातिर "अपनों" से दूर रहता हैं, . और... कोई "अपनों" के खातिर सपनों से दूर रहता है ॥ .
मैं सब्जी लेने गयी और जैसे ही सब्जीवाले से बोली . .. भइया 15 kg आलू दे दो . उसने बड़ी उम्मीद से मेरी तरफ देखा .. . और पूछा मशीन आ गई का ??
उम्र भर बने रहेंगे लोग दोस्त आप के...? उम्र भर आप लोगो के काम आते रहिए...?
वो लोग अपने आप में कितने अज़ीम थे... जो अपने दुश्मनों से भी नफ़रत न कर सके।।।
घर की रोनक तो हम लड़कियों से होती हैं ? ? लड़के तो दूध,दही और धनिया लाने के काम आते है??
भूल गए हैं कुछ लोग हमें इस तरह.. साहब.. यकीन मानों... यकीन नहीं होता.
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