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आँखें आँखें जो बिना तलवार ही घायल करने का हुनर रखती है जो जानना हो कभी किसी भी स्त्री को तो पढ़ो उसकी आँखें उसकी आँखों में ही छिपे होते हैं उसके सभी मनोभाव ध्यान से देखोगे तो देख पाओगे जो जुबां कह नहीं पाती वो सच बोलती है आँखें...! कोई चाहे ना चाहे राजे दिल खोलती है आँखें...!! स्त्री जीवन की कमी, उसके मन का खालीपन या फिर उसके जीवन की सफलता का उल्लास उसका अहम् या फिर उसके मन में छिपी कोई आस जो वो हुई बेहद ही खूबसूरत तो तुम्हें दिख सकता है उसका घमंड भी, जो ना भी वो हुई सुंदर तो क्या हुआ...? चाहत तो उसकी तब भी वही होती है क्यूंकि सुंदर दिखना, हर स्त्री की एक बड़ी चाहत जो होती है जिसके लिए ना जाने किए जाते हैं कितने ही प्रपंच....!! रंग को हल्का किया जाता है, बालों को रंग दिया जाता है, धंस गयी हो जो आँखें भले ही पर उनमें भी काजल नुमा कालिख को भर दिया जाता है...!! सूखे बेरंग होंठों को भी नकली रंगत से रंग दिया जाता है...!! इस एक कमी को भरने के लिए ना जाने क्या कुछ नहीं किया जाता है...!! लेकिन तब भी काजल की अंधीयारी ग़ालियों से सच बोलती है आँखें दिल में जो छिपे हैं वह राज खोलती हैं आँखें...!! जिस किसी के जीवन की जो कमी होती है. जुबाँ चाहे कुछ बोले ना बोले पढ़ने वाला मिले तो सच बोलती हैं आँखें....!!! पल्लवी
https://www.matrubharti.com/book/19963759/saathi-9 कृपया पढ़कर यूँ ही ना जायें सितारों के रूप में अपनी प्रतिक्रिया अवश्य दर्ज करायें 🙏🏼
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Pallavi Saxena लिखित कहानी "साथी - भाग 5" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19963051/saathi-5 कृप्या पढ़कर यूँ ही ना जाएँ अपनी उपस्तिथि अपनी प्रतिक्रिया के रूप में अवश्य प्रदान करें धन्यवाद 🙏🏼🙂
Pallavi Saxena लिखित कहानी "साथी - भाग 4" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19962788/saathi-4 पढ़कर यूँ ही ना जाएँ कृपया अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया अवश्य प्रदान करें 🙏🏼
Pallavi Saxena लिखित कहानी "साथी - भाग 3" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19962387/saathi-3 कृपया पढ़कर यूँ ही ना जाएँ अपनी प्रतिक्रिया सितारों के रूप में अवश्य प्रदान करें 🙏🏼
Pallavi Saxena लिखित कहानी "साथी - भाग 2" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19962121/saathi-2
Pallavi Saxena लिखित कहानी "साथी - भाग 1" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/book/19961854/saathi-1 इसलिए बार कुछ अलग लिखने का प्रयास किया है कृप्या पढ़ें और सहयोग दें एवं अपनी महत्वपूर्ण टिप्पणी से मार्गदर्शन प्रदान करें धन्यवाद 🙏🏼
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