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*प्रातः वंदन,,,,🙏* *बिना स्वाद की चाय की चुस्की* *मजा नही देती.... रिश्तों की चाय में* *शक्कर ज़रा माप के ही रखना* *फीकी हुई तो स्वाद नहीं आएगा और* *ज्यादा मीठी हुई तो मन भर जाएगा* *हर चीज़ का संतुलन बहुत जरूरी है* *और इसके लिये हमारे शब्द ही* *हमारी मास्टर चाबी हैं,* *ये दिलों के दरवाजे खोल भी सकते हैं* *और लोगों के मुँह पर ताले लगा भी सकते हैं* *चित्र ही नहीं चरित्र भी सुन्दर हो* *भवन ही नही भावना भी सुन्दर हो* *साधन ही नही साधना भी सुन्दर हो* *दृष्टि ही नही दृष्टिकोण भी सुन्दर हो* *मैं श्रेष्ठ हूँ"यह आत्मविश्वास है लेकिन* *सिर्फ मै ही श्रेष्ठ हूँ यह अहंकार है* *इसलियें जीवन की हर स्थिति मे* *धेर्य बनाये रखना श्रेष्ठता है* Good morning...........Jay shree krishna🙏🏻💐
*निषेवते प्रशस्तानी* *निन्दितानी न सेवते ।* *अनास्तिकः श्रद्धान* *एतत् पण्डितलक्षणम् ॥* *भावार्थ👉* _सद्गुण, शुभ कर्म, भगवान् के प्रति श्रद्धा और विश्वास, यज्ञ, दान, जनकल्याण आदि, ये सब ज्ञानीजन के शुभ- लक्षण होते हैं ।_ Good morning Jay shree krishna🙏🏻💐
सुभाषितम् जनिता चोपनेता च यस्तु विद्यां प्रयच्छति। अन्नदाता भयत्राता पञ्चैता पितरः स्मृताः॥ जन्म देनेवाला, उपनयन संस्कार करनेवाला, विद्या देनेवाला, अन्नदाता तथा भय से रक्षा करनेवाला, ये पांच प्रकार के पिता होते हैं । Good morning Jay shree krishna🙏🏻💐
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