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Bas karo ye diye jala ke mujhe andhera pashd hai Bas karo ye ujalo sa ghr mujhe vo kamra pasand hai Tham lo ye kadam galib mujhe thamna pashd h Thame huye sanam se bolo mujhe ab jalna pashd h Mt kro ye game e mehfil e mujhe ab ghoot na pashd h Band kro darwajo ko mujhe ab jlna pashd h
https://www.matrubharti.com/book/19966041/mirror-of-a-beast read my new book share it
अपने शहर जाने के लिए शहर जाने की जरूरत नहीं होती गालिब उसको महक हमतक खुद ही पूछ जाती हैं - Alone Soul
मेरे जीवन के कुछ ऐसे अंधेरे भी है जहां में खुद भी जाना पसंद नहीं करूंगी
अब तो त्योहार पर बिना नौकरी के जाने को मन भी नहीं करता गालिब
https://www.matrubharti.com/book/19963849/sukha-patta-2 read part 2 guys
तुम मुझे इसी लिए नहीं समझ पाए शायद तुमको चाहने वाले ज्यादा थे मेरे पास सिर्फ तुम - Alone Soul
तुम मुझे इसी लिए नहीं समझ पाए शायद तुमको चाहने वाले ज्यादा थे मेरे पास सिर्फ तुम
बिना रूलम के अब निकला नहीं जाता गालिब से ये आशु बिना बुलाए ही गिर जाते हैं कभी अन्तर्द्वंद की घबराहट से तो कभी उसके अंदर के खोखलेपान में ये आशु गिर ही जाते है
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