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ऐ बेवफा तेरे बिना अब ये वक्त काटना है,,, अपनी तन्हाई के साथ अब ये दर्द बांटना है,,, -Shahnila Ansari
तेरी नज़रों की ज़ुबाँ जानता हूँ मैं,,, होगी तेरी कोई मजबूरी ये मानता हूँ मैं,,, दूर होकर भी तू मुझसे दूर नही क्योंकि,,, हज़ार परदे मे रहे तू फिर भी तुझे पहचानता हूँ मैं,,, -Shahnila Ansari
तेरे हुस्न का चढ़ा मुझ पर सुरूर है,,, इस बात का तुझे बड़ा गुरूर है,,, जो सर चढ़ जाता है आशिकों के,,, इसी को कहते इश्क का फितूर है,,, -Shahnila Ansari
मेरी तन्हाइयों की गवाह सर्द रातें हैं, घाव लगें है जिनसे दिल पर वो तेरी बातें हैं, मरना चाहती हूं पर मौत नही आती, जीती हूं जिन्हें याद करके वो बस चंद मुलाकातें हैं, -Shahnila Ansari
तुझे याद करते ये दिन गुज़र जाता है, नींद में भी बस तेरा ही ख्वाब नज़र आता है, हर गज़ल के हर अल्फाज़ लिखुँ तुम पर, क्यूंकि कलम को बस तेरा ही ज़िक्र भाता है, -Shahnila Ansari
तेरे आने से मेरे होंठो पर मुस्कान आती है, जाने की बात ना करो मेरी जान जाती है, धड़कता है दिल तेरी हर आहट पर, तेरे बिना ज़िंदगी ख्वार बन जाती है, -Shahnila Ansari
मेरे ज़ख्म अब बोलने लगे है,,, क्योंकि मेरे सब्र को वो तोलने लगे है,,, बड़ा बेदर्द है मेरा यार-ए-दिलदार,,, उस पर यकीं करते अब हम हौलने लगे है,,, -Shahnila Ansari
कैसे कहूं कि आप मेरे लिए कितने खास हैं,,, अपनी मुहब्बत पर आज मुझे नाज़ है,,, हो ना जाए बदनाम कही तू,,, इस बात का भी हमें एहसास है,,, -Shahnila Ansari
क्यूँ मेरी आँखों से नींद रूठ गई है,,, इश्क की गलियां पीछे छूट गई हैं,,, किसी के आने की जो उम्मीद थी,,, अब वो आस भी टूट गई है,,, -Shahnila Ansari
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