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એવું તે શું વાગ્યું કે, માણસ આખે આખું જાગ્યું હૃદયમાં, દરવાજા તો બંધ હતા બધા તો કોઈ કેમ પહોંચ્યું હૃદયમાં.
*"कारीगर हूँ साहब 'अल्फ़ाज़ो' की मिट्टी से 'महफ़िलों' को सजाता हूँ.* *कुछ को 'बेकार' ......कुछ को 'कलाकार' नज़र आता हूँ"*
મૂકી દઉં બાજી પર જીવ મારો, જો ઇનામ તું હોય, ખર્ચી નાખું જિંદગી આખી,જો પરિણામ તું હોય તો
. *_Beautiful lines_* कल एक झलक ज़िंदगी को देखा, वो राहों पे मेरी गुनगुना रही थी, फिर ढूँढा उसे इधर उधर वो आँख मिचौली कर मुस्कुरा रही थी, एक अरसे के बाद आया मुझे क़रार, वो सहला के मुझे सुला रही थी हम दोनों क्यूँ ख़फ़ा हैं एक दूसरे से मैं उसे और वो मुझे समझा रही थी, मैंने पूछ लिया- क्यों इतना दर्द दिया कमबख़्त तूने, _वो हँसी और बोली_- *मैं ज़िंदगी हूँ.......* *तुझे जीना सिखा रही थी*
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