The Download Link has been successfully sent to your Mobile Number. Please Download the App.
Continue log in with
By clicking Log In, you agree to Matrubharti "Terms of Use" and "Privacy Policy"
Verification
Download App
Get a link to download app
झुकाने से पहले तुम खुद झुकना सीखो। बदलोगे क्या औरों को, पहले खुद बदलना सीखो।। -Namita Gupta
टुकड़ों टुकड़ों में बिखरा हूं गजल का एक मिसरा हूं। धीरे-धीरे ही सही जिंदगी, हाशिए से गुजर कर निखरा हूं।। -Namita Gupta
जो गुजर गया वह अतीत था, जो जी रहा वर्तमान है। खेल ना तू वक्त से क्यों कर रहा अभिमान है? जो आज है वह कल नहीं यह वक्त किसी का गुलाम नहीं, कर्म तू जैसे करेगा बस वही तेरी पहचान है।। -Namita Gupta
बिन तुम्हारे जिंदगी का एक पल भी गुजरता नहीं। रोक ले बहते कदमों को वह वक्त कभी ठहरता नहीं -Namita Gupta
औरों को अपना बनाने की जिद में , हम अपनों को ही खो बैठे । अपनों को अपनाने की खातिर खुद को ही खुद से धो बैठे।। -Namita Gupta
दिल की धड़कनों को हमने भी सुना था। खामोश निगाहों ने अश्कों को चुना था। लगता जुबान पर जड़ गये थे ताले , रकीबों ने नसीबां जालों से बुना था।। -Namita Gupta
जो मिला ही नहीं वह मुकद्दर कहां । इसके आगे ही हारा सिकंदर यहां ।। -Namita Gupta
जिंदगी तेरे सिवा क्या कहूं ,क्या बात है? हद से ज्यादा दर्द सहने के नहीं लम्हात है।। हर लम्हा कतरा-कतरा गुजरा सदियों की तरह, दर्द की यह जुम्बिशें दम तोड़ते जज्बात है।। -Namita Gupta
तेरे एतबार पर मुझको एतबार था, दिल को सनम तुम्हारा इंतजार था। वह इश्क ही नही, था इबादत मेरी , तेरे वादों पर यांरा मुझको करार था।। गमों की घटाएं दरम्यां जब घिरने लगी, रिश्तो में कसक अपने कोई दरार था । दिल को लगन लगी थी दोनों तरफ से सदियों की चाहतें- दिल बेकरार था । क्या खता थी मेरी तू जो रूसवा हुआ, 'प्रकाश' जमाने को मिलन नामंजूर था। नमिता 'प्रकाश' 18/7/2021 -Namita Gupta
मेरे इस दर्द की कीमत भला तुम और क्या जानो? मोहब्बत हो गई तुमसे मेरे इस दिल को पहचानो । निगाहें ढूंढती रहती तुम्हारी जुस्तजू में हरपल , पता खामोशियां पूछे यह तुम मानो या ना मानो।। -Namita Gupta
Copyright © 2024, Matrubharti Technologies Pvt. Ltd. All Rights Reserved.
Please enable javascript on your browser