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Nalin Pande TARKESH

Nalin Pande TARKESH

@nalinpandetarkesh5224


इंद्रधनुषी काजल लगाते रहे।
काफिलों से अलग बढ़ते रहे।।
मस्ती की पायल हंसी फूलों सी।
जिंदगी का साथ यूँ निभाते रहे।।
अंधेरे तो मिले यूँ हमें हर मोड़ पर।
रोशनी से खुद की राह सजाते रहे।।
उससे मिलने की बेकरारी थी हमें।
सो खुद से भी राज ये छुपाते रहे।।
सुरमई है खुद में ये जिन्दगानी।
सो बेसुरे ही बेवजह कूकते रहे।।
बदनाम काफिर से चाहे"उस्ताद"हुए।
बुतपरस्ती से मगर रूबरू ख़ुद से होते रहे।।
@नलिन #उस्ताद

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मर्यादा की उत्कृष्ट,पराकाष्ठा हैं अपने राम जी।
तो समर्पण की,एकनिष्ठ प्रतिमूर्ति हैं भरत जी।।
वचन-पालन,वर्ष चौदह,गहन-विपिन भटकते हैं राम जी। चरण पादुका की,सेवा में तत्पर,सतत रहते हैं भरत जी।। कोल-किरात,रीछ-वानर,दुलारते सभी को तो हैं राम जी।
बन रामसेवक,सकल प्रजा का ध्यान,रखते हैं भरत जी।। जीत के रण,निशाचर-विहीन धरा को बनाते हैं राम जी।
अयोध्या को बस प्रेम और प्रेम से संवारते हैं भरत जी।।
विभीषण,सुग्रीव को राजपाट-अखण्ड,दिलाते हैं रामजी।
राजमद पंक से तो,"नलिन"से अछूते हैं,अपने भरत जी।।
एक छन राम को मन,बुद्धि,वाणी न बिसारते हैं भरत जी। आँखों में भरत को पुतली सा तभी तो सजाते हैं राम जी।
@नलिन#तारकेश

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गरेबान अपने झांकते रहिए।
खुद से नजरें मिलाते रहिए।।
ख्वाबे तामील में हो चाहे दूरी दरिया सी।
आंखिरी सांस तक हौंसले से तैरते रहिए।।
क्या-क्या कहा तेरे खिलाफ किस-किस ने।
बेवजह आप इस पर ना सर खपाते रहिए।।
दूरी हो चाहे लाख आपकी दिलदार से।
शबेरोज शिद्दत से बस पुकारते रहिए।।
रब तो बस जज़्बात का भूखा है "उस्ताद"।
दिल में बसा उसे रस्मे दुनिया निभाते रहिए।।
नलिन #उस्ताद

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प्रेम है सूक्ष्म,असीमित अति,इसे स्थूल-देह से न नापिए।
ये है परम दिव्य-भाव,इसे आप,सदा हृदय में संजोइए।।
सृष्टि दृढ़-आधार है यही,बस इसे सहज आप स्वीकारिए।
श्वांस डोर बांध इसे,मुक्त गगन नित्य ही,पतंग सा उड़ाइए।
निष्कपट निस्वार्थ होकर सदा,आनंद नित्य ही पाइए।
कभी ना इसे आप अपने,छुद्र-मलिन सांचे में ढालिए।।
विस्तार है अनंत इसका,आप जरा ध्यान से विचारिए।
जड़-चेतन प्रेम से है सराबोर,उस रसधार से नहाइए।।
है यही ब्रह्मांड की परम-शक्ति,सत्य यही बस एक मानिए।
कर्म,बुद्धि,ज्ञान हैं व्यर्थ के बस,सो सदा प्रेम को अपनाए।।
है जीवन प्रेम-उत्सव दीप्तिमान,हर घड़ी को संवारिए।
देह,मन,बुद्धि,आत्मा को,इसकी सुवास से महकाइए।।
सूत्रधार समस्त ब्रह्मांड के,श्री सीतारामजी को जानिए।
आप तो बस प्रेम भाव से,श्रीचरण,भाव अश्रु पखारिए।।
@नलिन#तारकेश

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