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सरत्या वर्षाच्या प्रवासात एखादी चूक-भूल घडली असेल, तर मनापासून क्षमस्व. नवीन वर्षातही हीच आपुलकी, हीच साथ कायम राहो. - Nisha ankahi
दिख जाए किसी दिन, वो चेहरा जिसे खोजता रहा दिल, बस एक नजर में सारा जहां मिल जाए। - Nisha ankahi
जिसे छूकर हाथ पवित्र हुए, वो छुअन रूह तक उतर गई। अर्पण किया था जल नम आँखों से, और आत्मा भीगकर निखर गई। - Nisha ankahi
कसूर मेरा था या हालात का, तय न हुआ, फ़ैसले मगर पहले ही लिख दिए गए थे। - Nisha ankahi
"गुजरा साल" मैं कभी नववर्ष नहीं मनाती, मुझे जाते हुए साल से लगाव हो जाता है।पूरा वक़्त मेरे साथ चला, मेरी साँसों की रफ़्तार समझता रहा, वो कोई तारीख़ नहीं था एक साथी था, जो बिना शोर विदा हो गया। हम यूँ ही नहीं टूटते, हम साथ खोते हैं कुछ लोग, कुछ मौसम, कुछ पूरे-पूरे साल। सब चले जाते हैं, और हम भीतर ही भीतर उन्हें जीते रहते हैं। दुनिया कहती है यही नियम है, यही दस्तूर। मैं इसे बदल नहीं सकती, मगर अपने दिल के लिए क़ायदे बना सकती हूँ। कि जो चला जाए, उसे बेवजह न भूलूँ, और जो आए, उससे तुरंत उम्मीद न बाँधूँ। मैं नए साल का जश्न नहीं, पुराने साल की विदाई करती हूँ धीमे लफ़्ज़ों में, कृतज्ञता के साथ, क्योंकि हर बीतता साल मुझे थोड़ा और इंसान बनाकर जाता है।
भीड़ में खड़े हैं, फिर भी तन्हा बहुत हैं, अपने ही जब बेगाने हो जाएँ तो क्या करें। - Nisha ankahi
वो पूछता है "कितना चाहती हो?" मैं कहती हूँ .. "प्यार कम है, फिक्र ज़्यादा है…" - Nisha ankahi
वक़्त सबको मिलता है, ज़िंदगी बदलने के लिए… पर ज़िंदगी दोबारा नहीं मिलती, वक़्त बदलने के लिए। - Nisha ankahi
कभी किसी की एक आह भी, किसी ग़ज़ल से ज़्यादा भारी पड़ती है, और कभी किसी की ख़ामोशी, पुरानी यादों की तरह दिल में देर तक उतरती है। - Nisha ankahi
काली रातें सवाल पूछती हैं, और भोर जवाब लेकर आती है पर जवाब वही समझता है जो रात से डरकर भागा नहीं - Nisha ankahi
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