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જીંદગી વીતી ગઈ તારા સપના જોવા માં, હવે આ ઉંમરે કેમ કહેવું કે, હું હતો તારા પ્રેમ માં તારુ નામ સમાવી લીધું છે હવે ATM ના પીન મા અને MOBILE ના પાસવર્ડ માં, એથી વિશેષ કશું નથી હવે આપણી LOVE LIFE માં -Mukund
*प्रकृति के नियम* *हम जो खाना खाते हैं, 24 घण्टे के अंदर हमारे शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे ।* *हम जो पानी पीते हैं, 04 घण्टे के अंदर शरीर से बाहर निकल जाना चाहिए, वरना हम बीमार हो जायेंगे ।* *हम जो हवा, सांस के रूप में लेते हैं, कुछ सेकंड में ही वापस बाहर निकल जानी चाहिए, वरना हम मर ही जायेंगे ।* *लेकिन नकारात्मक बातें, जैसे कि घृणा, गुस्सा, ईर्ष्या, असुरक्षा ....* *आदि, जिनको हम अपने अंदर दिन, महीने और सालों तक रखे ही रहते हैं, बाहर नहीं निकाल पाते हैं। यदि ऐसे नकारात्मक विचारों को समय-समय पर अपने अंदर से नहीं निकालेंगे तो एक दिन निश्चित ही हम मानसिक रोगी बन जाएंगे।* *निर्णय आपका क्योंकि शरीर आपका है।...* *!!Զเधे Զเधे!!
*शुभम करोति कल्याणम,* *अरोग्यम धन संपदा,* *शत्रु-बुद्धि विनाशायः,* *दीपःज्योति नमोस्तुते।* *परम आदरणीय,* *दीपोत्सव के हर एक दीप की आभा और प्रकाश आपके और आपके सभी परिवारजन, स्नेहीजनों के जीवन में नया उत्साह, उमंग, उत्तम स्वास्थ्य, प्रगति और समृद्धि की अथाह रोशनी लेकर आये! इसी मंगल कामना के साथ आपको दीपोत्सव की ढेरों शुभकामनाएं...* -Mukund
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