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Mohammad Samir

Mohammad Samir

@mohammadsamir522988


प्रेम पर आधारित एक हिंदी कविता प्रस्तुत है:
प्रेम की अनुभूति
मन के सूने आँगन में, जब तुम चुपके से आए,
जैसे भोर की पहली किरण, अँधियारा दूर भगाए।
पता न चला कब कैसे, तुम दिल में यूँ समा गए,
बंजर सी इस धरती पर, ज्यों प्रीत के फूल खिला गए।
एक अनजाना सा एहसास, जो पहले कभी न जाना था,
तुम्हारी चाहत का नगमा, दिल ने हौले से गाना था।
तुम्हारी आँखों की गहराई, सागर से भी गहरी है,
उनमें झाँकूँ तो खो जाऊँ, दुनिया एक पहेली है।
जैसे दो झीलें हों निर्मल, जिनमें चाँद उतर आया हो,
देखूं तो बस देखता जाऊं, मन उनमें ही रम जाए हो।
जब तुम हँसते हो खिलकर, कलियाँ भी शरमा जाती हैं,
मोती जैसे झरते हैं तब, फिजाएं भी मुस्काती हैं।
तुम्हारी मुस्कान की छाँव में, खुशियाँ दौड़ी आती हैं,
गम के बादल छंट जाते हैं, नई आशाएं जग जाती हैं।
तुम्हारे आने से पहले, दुनिया बेरंग सी थी, फीकी थी,
हर मौसम था एक जैसा, हर धुन अनसुनी, चीखी थी।
अब हवाओं में संगीत है, फूलों में नई खुशबू है,
तुम संग बीते हर पल में, एक अजब सा जादू है।
रास्ते वही हैं लेकिन, मंज़िल नई सी लगती है,
तुम्हारी मोहब्बत की रौशनी, हर सू फैली दिखती है।
सोचूँ तुम्हें सुबह शाम, तुम ख्यालों से न जाओ,
हर सांस में तुम बसते हो, धड़कन में तुम रम जाओ।
नींदों में भी तुम आते हो, सपनों को तुम महकाओ,
जागूं तो सामने पाऊं तुम्हें, बस इतना सा करम कमाओ।
एक पल की भी दूरी अब, सदियों सी लगती है भारी,
तड़पता है ये दिल तुझ बिन, जैसे मछली बिन पानी सारी।
दिल की धड़कन भी जैसे, बस नाम तुम्हारा जपती है,
हर आहट पर लगता है तुम हो, नज़र तुम्हें ही तकती है।
याद आते हैं वो लम्हें, जो संग हमने बिताए थे,
कभी हँसते, कभी रूठते, कितने सपने सजाए थे।
वो तेरा हौले से छूना, वो बातें प्यारी प्यारी,
वो साथ में भीगा था मौसम, वो शामें न्यारी न्यारी।
वो चुपके से देखना तेरा, फिर नज़रों का मिल जाना,
बिन कहे ही सब कुछ सुन लेना, इशारों में समझाना।
हर याद तुम्हारी दिल में, एक मीठी कसक जगाती है,
फिर से उन पलों को जीने की, चाहत बढ़ती जाती है।
ये कैसा बंधन है तुमसे, अनजाना सा, प्यारा सा,
बिन बोले सब कह जाते हो, करते हो तुम इशारा सा।
रूह से रूह का नाता है, ये जिस्मों का खेल नहीं,
दो दिलों का संगम है ये, जिसका दुनिया में मेल नहीं।
जब डगमगाते हैं कदम, तुम हाथ थाम लेते हो,
अंधेरों में रौशनी बन, हर मुश्किल आसान कर देते हो।
प्रेम त्याग है, समर्पण है, प्रेम एक मीठा एहसास है,
प्रेम पूजा है, इबादत है, प्रेम अटूट विश्वास है।
तुमसे मिलकर जाना मैंने, क्या होती है सच्ची प्रीत,
तुम ही मेरे मन के मीत हो, तुम ही मेरे जीवन गीत।
वादा है तुमसे ये मेरा, साथ कभी ना छोड़ेंगे,
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर, रिश्ता ये हम जोड़ेंगे।
बस इतनी सी ख्वाहिश है अब, हर जन्म तुम्हारा साथ मिले,
चाहे सुख हो या दुःख हो, हाथों में तेरा हाथ मिले।
तुम्हारी मोहब्बत की छाँव में, कट जाए ये जीवन सारा,
तुम ही मेरी मंज़िल हो अब, तुम ही ध्रुव तारा।
मेरा हर पल, हर लम्हा, बस तेरे नाम कर जाऊँ,
तेरे इश्क़ के दरिया में, मैं डूब के पार उतर जाऊँ

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