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फासलो का एहसास तब हुआ जब मेने कहा और उसने... मान लिया
बचपन में भरी दुपहरी मे नाप आते थे पूरा मोहल्ला, जब से डिग्रीया समझ में आई... पाँव जलने लगे...
सोचा नहीं था ज़िन्दगी में ऎसे भी फ़साने होंगे, मुस्कुराना भी होगा और आंसू भी छुपाने होंगे...✍️
मेने कब कहा वो मिल जाए मुझे, गैर ना हो जाए बस इतनी सी हसरत है... ✍️
दर्द मुझको ढूंढ लेता है रोज नए बहाने से, वो हो गया वाकिफ़ मेरे हर ठिकाने से... ✍️
लफ्जों के भी जायके होते हैं, परोसने से पहले चख भी लेना चाहिए... ✍️
तुम बिल्कुल चांद की तरह हो नूर भी इतना, गुरूर भी इतना और मुझसे दूर भी इतना... ✍️
जिंदगी तुम बहुत खूबसूरत हो इसलिए मेने तुम्हें सोचना बंद, और जीना शुरू कर दिया है.. ✍️
तू पढ़ती है इसलिए लिख देता हूं , वर्ना मे तो महसूस करके भी जी लेता हूं...
શુભ પ્રભાત...
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