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जिंदगी की कीमत समझा रहा है ये साल | अपनों को धीरे धीरे पास ला रहा हैं ये साल ||
ये सवेरे की लालिमा, और ये उड़ते हुए पंछी, कितनी खूबसूरत हैं ये दुनिया, सच हैं शहरों में नहीं गाँवों में बसती हैं ये दुनिया |
ये चाँद भी बड़ा बेरहम़ हैं, लगता हैं इसने भी मेरे खिलाफ़ साजिश की हैं, आज उनकी याद आयी, और आज ही ये खफा हैं | ~ Mahesh
राही राह पर हैं, मग़र मंजिल की खबर नहीं, कौन करे मार्गदर्शन इस अंधकारमय निशा में, चाँद भी तो कही खफा़ बैठा हैं |
जो कहते थे, तुम्हारे बिना एक पल भी जीना मुमकिन नहीं उन्होंने इतना अर्सा गुजार दिया, एक पल भी याद किए बिना |
चाँद भी खामोश हैं, तारे भी खामोश हैं कहना तो बहुत कुछ हैं उनसे मगर, कम्बख्त ये रात भी खामोश हैं | #missingsomeone
पूछना तो उससे बहुत कुछ था, बस एक पल तो मिलता पूछ ना पाया कुछ भी, जब वो सारा का सारा मेरा था | #पूछना
कला को महज कला की दृष्टि से देखना भर ही एक कला नहीं है, कला को भावनाओं के साथ पड़ना एक कला हैं | #Art
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