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कभी किसी को अपना भगवान मत बनाना, तुम्हे तुम्हारे भगवान से अलग करने मे ऊपर को देर नही लगेगी,,
भला भी होता , विश्व रिकॉर्ड भी बनता,, अगर कोई भीख न माँगता, इस देश की जनता,, जरूरत ही क्या थी इतनी बड़ी प्रतिमा की, अगर रिकॉर्ड ही बनाना था तो मदत ही कर देते उन जीवित- भूखी आत्मा की,,
जब हम छोटे थे तो थी एक सोच हमारी., काश की हम भी बड़े होते हुक्म चलाते कितने सारी,, जब हम बड़े हुए तो बदल गयी सोच हमारी., काश की हम भी छोटे होते बोझ ना होती सर पे भारी,,
बहुत याद आती है तुम्हारी.... उस वक्त जब हम कभी साथ हुआ करते थे, बातों ही बातों मे कब शाम हो जाती कब चाँद निकल आता पता ही न था,, अपनी तो भूल गए है पर उन पलो की बातें बहुत याद आती है तुम्हारी.... पर शाम अकेले मे आदत हो गयी है तुम्हे देखने की उस तस्वीर में जो तुमने ही कभी हमे दिया था अपने उस किताब से निकालकर, तुम तो शायद भूल गए होगे हमे पर हमें तो बहुत याद आती है तुम्हारी.... एक बहुत पुराना खत मिला मुझे उसी तस्वीर के पीछे जो तस्वीर तुमने मुझे दिया था, तुम्हारी सभी बातें मैने पढे आँसू आ गये आखों में उसके बाद तो और भी बहुत याद आती है तुम्हारी....
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