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गीत वो चुपके से दबे पांव चली आती है! उसकी पायल तो सारे राज़ खोल जाती है! धीरे-धीरे कदम बढ़ाती पायल की आवाज़ मेरे नाज़ुक दिल के तारों को छेड़ जाती है!! छन-छन पायल जब मेरा नाम लेती है! वो मेरे कानों में अम्रत घोल जाती है! मेरी आँखों में बेपनाह मुहब्बत देखकर कर उसकी पायल भी शरमा जाती है!! देखता हूं मुड़कर तो वो सामने नही आती है! छुप-छुपके उसके पायल की झंकार मुझे पास बुलाती है! बेचैन सा ढ़ूंढ़ु उसको पर नज़र नही वो आती है! पीछे से चुपके से आकर मेरी आँखों पर हाथ वो रख जाती है!! उसके बालों का गजरा, आँखों का कजरा देखकर उस खुदा की खुदाई भी बहक जाती है! खुदा ने इतनी फुर्सत से बनाया है उसको उसकी सादगी गुस्ताखी पर आमदा किए जाती है!! फलक़ दूर से ही आह भरता है! उसकी तमन्ना जो अधूरी यह जाती है! पायल से सजे खूबसूरत पैरों को चूमकर प्यासी ज़मी की प्यास बुझ जाती है!! -- Madan GODARA
मेरी सुबह की चाय बन कर, तुम जो मेरे साथ रहते हो, इसलिए भी शायद मुझको, चाय के संग इश्क हुआ है। madan GODARA
Madan GODARA JAAT
एक_प्रीत_है_तिरंगा एक_रित_है_तिरंगा???? मेरे_फ़ोजी_भाईयो_का_अमर_गीत_है_तिरंगा???? एक_कुरान_है_तिरंगा एक_गीता_है_तिरंगा???? मेरे_फोजी_भाईयो_का_धर्म_है_तिरंगा...???? ??जय_हिंद_की_सेना?? good morning ji
I --watsap nu 8766699975
#Na _Tamanna _Hai _Nazaron ?_ki #Na _Chahat _Hai _Sitaron?_ Ki #Bs _Tum _Jaisa?♀️ _Koi _Mil _Jay _To #Kya _Jarurat _Hai _Hazaron??? _ki .......Sana. madan Jaat Chaudhary
-- Jaat
बुझ गई है एक घर से रोशनी और, लगता है लोगो से इंसानियत खो रही है कोने से सिसकती कातर सी जिंदगी बुझते दिए से जैसे लौ रो रही है । इंसाफ मांग रहे है जो हमदर्द जिसका, बता दो फिर कोई बराबर की सजा, है कोई सजा उस डर के बराबर, जिसे महसूस किया है लौ ने बुझने से पहले.. बताओ सजा उस उम्मीद के बदले, जो आखिरी सांसो तक तकती रही निगाहें. रहम को तरसती हर आह के बदले, हर सजा कम है उस गुनाह के बदले.. नहीं है सजा कोई उस दर्द के बदले , नहीं है सजा कोई उस वक्त के बदले, जिसे महसूस किया किया है लौ ने बुझने से पहले.. बस इतना सा रहम तू कर दे खुदा, इंसानियत जरूरी करदे तू सांसो के बदले, घुटने लगे दम इंसा का तभी, कम होने लगे रूह से जब इंसानियत कभी.. हर जुर्म की अब हद हो रही है, लोगो से इंसानियत खो रही है ।। -madan jaat
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