Quotes by Kushal Singh in Bitesapp read free

Kushal Singh

Kushal Singh

@kushal4497


*ये सर्दियों का मौसम,*

*ये कोहरे का नज़ारा...*
.
.
*चाय के दो कप...*
.
.
*एक कप हमारा...*

*और..*

*दूसरा भी हमारा...🤣🤣🤣*
😝😝😝😆😆😆😅😅😅😘😘😘

Read More

चल रही थी तेरी चर्चा, और मै शामिल हुआ
उठ गयीं नज़रें सभी की, जैसे कुछ हासिल हुआ
हर नज़र मेरी तरफ, खामोश वे खामोश हम
कर लिया हमने यकीं तब, मैं तेरे काबिल हुआ

Read More

*सुख मेरा काँच सा था..*
*न जाने कितनों को चुभा गया..!*

*मोहब्बत और मौत की,*
*पसंद तो देखिए..*
*एक को दिल चाहिए,*
*और दूसरे को धड़कन...*

*कभी साथ बैठो..*
*तो कहूँ कि दर्द क्या है...*
*अब यूँ दूर से पूछोगे..*
*तो ख़ैरियत ही कहेंगे...*

सूख गई है नदी, अब तो भीगी रेत से उम्मीद है,
टूट गए सारे ख्वाब,अब फिर नींद से उम्मीद है,
खो गईं पंक्तियां सारी, मन में उठी चुभन से उम्मीद है
आंसूओं के घाट पर, दिल में किसी घुटन से उम्मीद है

Read More

वो सितारा कहते हैं, मगर नहीं मालूम
चमकने के लिए जलना पड़ता है
ज़हन में यादें जमाने के लिए
हर रोज़ बर्फ सा पिघलना पड़ता है

Read More

तुम हो पूनम का ताजमहल,
मैं काली गुफा अजंता की.
तुम हो वरदान विधाता की,
मैं गलती हूं भगवनता की।

कल अचानक याद आया,
आजकल वो याद नहीं आती

shubhraat sa