Quotes by kiranvinod Jha in Bitesapp read free

kiranvinod Jha

kiranvinod Jha

@kiranvinodjhagmail.com163604


स्वार्थ से भरी इस दुनियां में,
कोई नहीं भरोसे के लायक।
हानि नहीं, जहां लाभ मिले,
वहीं बनते है,वह सहायक।।

मिश्री
- kiranvinod Jha

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जाओ सबसे छोड़ दी,
अपनत्व की मोह माया।
तन भी झूठा,मन भी झूठा,
मिट जायेगी एक दिन ये काया।।

मिश्री
- kiranvinod Jha

वक्त देकर,वक्त पर न आते,
ऐसे लोग होते हैं बेवफा।
उनकी वाली सेटिंगें फिर,
हरदम रहती हैं खफा।।

मिश्री
- kiranvinod Jha

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वक्त पड़े पर जो काम न आए,
ऐसे लोग होते है स्वार्थी।
हजारों मित्र बनाने से अच्छा है,
एक को चुन लो सच्चा सारथी।।

मिश्री
- kiranvinod Jha

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चार चांद रूप में लग जाते,
जब वर्णन करता है कवि।
इतराने का मन फिर करता,
दिखती जब शब्दों में छवि।।

मिश्री
- kiranvinod Jha

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फूलों से भरे बाजार में,
हर फूल भगवान को नहीं चढ़ते।
कुछ केशों की शोभा बढ़ाते,
तो कुछ प्रेयसी के लिए सजते।।

मिश्री
- kiranvinod Jha

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प्रभु ही है सच्चे साथी।
प्रभु ही सबके कष्ट हरे।
दुनियांभर की बुराईयों से,
प्रभु साथ से ही हम तरे।।

मिश्री
- kiranvinod Jha

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प्रभु स्मरण से जीवन महके,
इससे नहीं कोई प्यारा काम।
जीवन को अगर तारना है तो
प्रेम से बोलो सब सीताराम।।

सुप्रभात
मिश्री
- kiranvinod Jha

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विषय - परछाईं

नई नवेली दुल्हन बनकर,
साथ तुम्हारे घर आंगन आई।
सात जन्मों के इस बंधन में,
बनकर रहूं तुम्हारी परछाईं।।

न छूटे कभी साथ तुम्हारा,
जीवन के इस लंबे सफर में।
हाथ में हाथ तुम्हारा रहा तो,
कर लूंगी कहीं भी बसर में।।

कभी कभी तुम कुछ न बोलो,
तुम्हारे अंतर्मन को समझ पाऊं।
मौन की भाषा पढ़ सकूं मैं,
ऐसी अर्धांगनी , मैं बन जाऊं।।

साया बनकर साथ चलूं मैं,
हर कदम से निशां मिलाना है।
मीलों की दूरी साथ तय करके,
परछाईं बन साथ निभाना है।।

तुम दीपक मैं बाती बनकर,
प्रेम का प्रकाश फैलाएंगे।
रोशन कर इस जिंदगी को,
जीवन से अंधकार मिटाएंगे।।

किरन झा (मिश्री)
ग्वालियर मध्य प्रदेश
- kiranvinod Jha

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मन से मन जब मिल जाए,
छूटने का नहीं है कोई रीजन।
तलब लगी हो जब दर्शन की,
मिलना चाहेंगे इस सीजन।।

मिश्री
- kiranvinod Jha

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