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किस्मत से ज्यादा किसी को मिलता नहीं है। चार दिन का प्रेम,ज्यादा झिलता नहीं है।। एक दोस्त की दोस्ती ही टिक सकती है। बाकी एरो गैरों से,ये दिल मिलता नहीं है।। मिश्री - kiranvinod Jha
अपने माल पर नजर रखो, पराए धन से क्या रखना प्रीत। खुशी गम में वही साथ निभाए, अपने माल को,अपनी तरफ खींच।। मिश्री - kiranvinod Jha
अच्छे अच्छों को हाल बिगड़ जाए, इश्क ही कुछ ऐसी चीज बनाई है। पल में संवार दे,पल में बिगाड़ दे, ये मोहब्बत भी,बड़ी ही हरजाई है।। मिश्री - kiranvinod Jha
कहां हो कैसे हो तुम,यही पूछता ये दिल हाल। एक झलक पाने को,हर पल करता इंतजार।। मिश्री - kiranvinod Jha
सफर चलेगा अभी लंबा,राहगीर भी बहुत मिलेंगे। बातों के इस सिलसिले में,कुछ कहेंगे,कुछ सुनेंगे।। मिश्री - kiranvinod Jha
झूठी मुस्कान दिखाकर,अपने गम छुपा लेते हैं। आंसू अंदर छुपाकर,खुश हूं,ये अब कहते है।। मिश्री - kiranvinod Jha
यादों का क्या है,ये जीते जी मिटती ही नहीं। एकांत में तूफान बनती,फिर सिमटती नहीं।। मिश्री - kiranvinod Jha
मैं रूठूं ,तुम मुझे हमेशा मनाओ, प्रेम से अपने फिर गले लगाओ। जब साथ ही चलना है उम्रभर, तो क्यों एक दूसरे का जी जलाओ।। मिश्री - kiranvinod Jha
कल की सारी कड़वी बातें भूल, आज को अपने संवार लो। अपने काम से काम रखकर, असफल प्रयासों में धार दो।। मिश्री - kiranvinod Jha
सबकी सुनो,अपने मन की मत कहो। यह दुनियां की कैसी अजब कहानी। दूसरों को खुशियां देने की खातिर, स्वयं की आंखों से,चाहें बहता रहे पानी।। मिश्री - kiranvinod Jha
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