Quotes by Kabir in Bitesapp read free

Kabir

Kabir

@kabirwrites
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The cat from the Hat is out. Good morning 🌄

वो सफ़र पे निकला था, लौट कर आना था,
मगर हादसे ने हमें रुलाना था।


2. सड़कों पे बिखरा लहू और ख़्वाबों का रंग,
किस्मत ने लिख दिया दर्द निभाना था।


3. जिसको दुआओं से मैंने सँभाल रखा,
उसको कफ़न में ही अब सजाना था।


4. आईने में चेहरा भी रो पड़ा मेरा,
हर बार तेरी झलक ही दिखाना था।


5. तेरे बिना अब दिल को चैन कहाँ,
ज़ख़्मों को बस अश्कों से भिगोना था।


6. कब्र पर तेरी फूल रखे हैं मैंने,
इन गुलों से तेरा हाल बताना था।


7. ज़िंदगी का रंग अब फीका पड़ गया,
तेरे बिना सब जहाँ वीराना था।


8. रुक गई घड़ी उसी मोड़ पर आकर,
जिस मोड़ से तेरा गुज़र जाना था।


9. मेरे सवालों का जवाब न मिला,
क्यों तेरा नसीब यूँ मिट जाना था।


10. हर शेर में तेरा ज़िक्र आता है,
ग़ज़ल में तेरा ही अफ़साना था।


11. लोगों ने पूछा, "अब भी इंतज़ार है?"
मैंने कहा, "दिल को धोखा खिलाना था।"


12. ख़्वाबों में तेरा चेहरा मुस्कुराता है,
हक़ीक़त में तो बस ख़ामोशी पाना था।


13. सड़क पे बिछ गए अधूरे क़िस्से,
मुझे अकेले ही अब निभाना था।


14. काश उस रोज़ मैं रोक लेता तुझे,
पर लिखा क़िस्मत में ठहर जाना था।


15. इश्क़ ने दी है मुझे ये तन्हाई,
अब "क़बीर" हर शेर से ग़म सुनाना था।

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Pehli Mohabbat Ka Iljaam. Love story jo 3 part me hai. Uski pehli kistt bhej di hai . Ek bar padh kr bataye.

🌙 "तेरी याद और नींद" 🌙


नींद आँखों से उलझ कर लौट जाती है,
तेरी याद हर करवट पर साथ आती है।

चाँदनी भी बुझ सी लगती है तन्हाई में,
तेरी हँसी की गूँज बस रात सजाती है।

दिल समझाता है खुद को हर इक घड़ी,
पर तेरे बिना ये धड़कन नहीं मानती है।

सपनों की दहलीज़ पर जब भी जाऊँ मैं,
तेरी परछाई ही सबसे पहले मिलती है।

कैसे कह दूँ कि मैं तन्हा जी रहा हूँ,
तेरी याद ही तो मेरी रूह बसाती है।
✍️ कबीर.......

Gud Night Dosto

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Pehli Kahani likhi hai- Ankahee Mohabbat.
Ek bar dekhe jaroor

आज़ का इश्क़

वो चुपचाप "seen" कर गया, क्या जवाब देगा,
ये इश्क़ अब ऑनलाइन है, कब हिसाब देगा।

दिल की किताब खोली तो नोटिफ़िकेशन मिले,
ये दौर कैसा है जो इश्क़ को भी ऐप देगा।

पहले निगाहों से होती थी बात बेख़बर,
अब "status" ही आशिक़ को ख़्वाब देगा।

मिलना तो मुश्किल है, शहर भी अजनबी है,
ये वक़्त शायद हमें बस ख्वाब देगा।

हकीकत से बढ़कर है अब वर्चुअल मोहब्बत,
कभी तो खुदा भी इसका जवाब देगा।

अब चाँद-तारों से नहीं करते लोग बातें,
"emoji" ही महबूब का जज़्बात देगा।

वो सादा खत कहाँ, वो महकते काग़ज़ कहाँ,
ये दौर बस "voice note" और "chat" देगा।

रकीब अब "followers" में गिने जाते हैं,
ये आईना इश्क़ का क्या नक़्श-ए-बाब देगा
~Kabeer

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“वो प्यार याद आता है”

बचपन के उन दिनों का हर साथ याद आता है,
स्कूल की वो गलियाँ, वो प्यार याद आता है।

किताबों के पन्नों में छुपा था जो एक नाम,
आज भी ख़ामोशियों में वो प्यार याद आता है।

मैदान की दौड़ में गिरकर जो थाम लेता था हाथ,
बरसों गुज़र गए पर वो साथ याद आता है।

चुपके से लिखी थी जो बेंच पर दिल की बात,
बरसात की रातों में अब वो प्यार याद आता है।

ना ख़त रहे, ना तस्वीर, ना कोई मुलाक़ात,
फिर भी धड़कनों में हर बार वो प्यार याद आता है।
Kabeer

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