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jagrut Patel pij

jagrut Patel pij

@jagrutpatel1479


मैं समंदर हो कर औकात में हूँ
वो कतरा हो कर आपे से बहार है..

मेरे होने में मेरा अपना कुछ नहीं था शरीक,
मेरे आँखें भी खुली थी उसे देखने को ...

मुख़्तसर जज़्बात बयां हो मुमकिन नहीं शायद,
अब हमने भी दिल पत्थर कर लिया है..

अपने उजाले भी साथ रहने दे ,
हमनें अंधेरों से यारी कर ली है..

हद है मेरी तरफ मैं भी नहीं,
उसकी और ज़माना हो रखा है..

ખુદ થી ન ઉદાસ ન ખુશ છું હું,
અફસોસ શરાબ પીતો જ મશહૂર છું હું..

सफर लंबा होगा,
तू सुंदर से पहले
समझदार चुनना

मैं भी रह चुका हूं अज़ीज़ किसी का
मैं भी वाक़िफ़ हूं चार दिन कि महोब्बत से

तेरी आँखों का नशा जरा बढ़ा जाँनॉं
हमको मालूम है सराब, शराब का मतलब..

तू जानता है मुश्किल हो जाता दूर जाना मेरा,
मैं जो हाथ बढ़ाऊ तो बाहों में ना समाया कर...