Quotes by jagrut Patel pij in Bitesapp read free

jagrut Patel pij

jagrut Patel pij

@jagrutpatel1479


पानी चुभा लब पर समंदर से तलब कैसी
इश्क़ तीखा गुलाब निगाहों को ताब कैसी

दिल पर अब इख़्तियार भी नहीं लगता
इंतज़ार होते हुए भी इंतज़ार नहीं लगता

न अदाएं देखी, न ज़ुल्फ-ए-पहर का किस्सा देखा
उसे खूबसूरत देखा, तो मुक़म्मल खूबसूरती का हिस्सा देखा

चराग़ जले के महोब्बत की मज़ारे क्यों नहीं बनती
बड़ा चीरता है मेहबूब, उनकी आँखों की तलवारे क्यों नहीं बनती..।

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दोनों जहाँ तेरी महोब्बत में हार के
देखें हमने भी दिन ग़म गुज़ार के

कितने अरमान है सहरा-ए-ज़िंदगी में..
एक आदत है जिए जाना भी...

एक सूरत प्यारी उस पर गुस्से की लाली..
मान ना जाएगी ऐसे ये तेज़ गुस्से वाली..

જીંદગી છે ચકડોળ નો ફેરો
આપણે તો મન મળે ત્યાં મેળો

आफ़त तो है वो नाज़ भी अंदाज़ भी लेकिन
मरता हूँ मैं जिस पर वो अदा ही कुछ और है

हुस्न की दिलकशी पे इतना न नाज़ कर,
नज़र आईने की भी शरीफ़ नही होती..