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जानवर कोई चीज नहीं बल्कि एक जीवित जीव है।
Original phootage of yogananda (1926)
Horse cruelty in the name of rituals in indian marriages
दोस्तो, जिंदगी में देर से बनो पर जरूर कुछ बनो क्योंकि ये जो लोग है न ये वक्त के साथ खैरियत नहीं हैसियत पूछते है। -Ira
Ira लिखित उपन्यास "एक योगी की आत्मकथा" मातृभारती पर फ़्री में पढ़ें https://www.matrubharti.com/novels/41220/ek-yogi-ki-aatmkatha-by-ira
इस शताब्दी की 100 सर्वश्रेष्ठ आध्यात्मिक पुस्तकों में गिनी जाने वाली परमहंस योगानन्दजी की यह विलक्षण जीवन-गाथा आपको संतों और योगियों, विज्ञान और चमत्कार, एवं मृत्यु और पुनरुत्थान के जगत् की एक अविस्मरणीय यात्रा पर ले जाती है। परमहंसजी जीवन एवं ब्रह्माण्ड के गहनतम रहस्यों पर आत्मा को तृप्त करने वाले ज्ञान एवं मनमोहक वाकपटुता के साथ प्रकाश डालते हैं। वे हमारे हृदय और मन को मनुष्य के जीवन में निहित आनन्द, आत्मिक-सौन्दर्य एवं अनन्त आध्यात्मिक क्षमताओं की ओर उन्मुख करते हैं। बीटल्स, स्टीव जॉब्स और रविशंकर जैसे प्रेरणादायक दिग्गजों की तरह ‘ऑटोबायग्राफी ऑफ ए योगी’ अत्यंत संतोषजनक एवं पढ़ने योग्य आध्यात्मिक पुस्तक है। वर्ष 1946 में पहली बार प्रकाशित होने के उपरांत इसने दुनिया भर के लाखों लोगों का जीवन बदला और उन्हें समृद्ध किया। एक संपूर्ण रूप से मौलिकपनीय सामग्री जो परमहंस योगानंद के जीवन चरित्र को उजागर करती है। इस पुस्तक को अपनी पैनी एवं अंदर तक भेदने बाली निर्देशयुक्त शिक्षाओं के लिए सदैव सम्मान के साथ याद किया जाता है। एक अद्भुत भारतीय रहस्यवाद और आध्यात्मिकता से युक्त यह आत्मकथा आपको एक ऐसी अविश्वसनीय यात्रा पर ले जाती है, जो जीवन के सादगी भरे, सुखद, आत्मिक शांतिदायक सत्य और अस्तित्व से आपका परिचय कराती है। यह एक ऐसी पुस्तक है जो हर घर में रखने योग्य है....
“जीत किसके लिए और हार किसके लिए ज़िन्दगी भर ये तकरार किसके लिए, जो आया है वो एक दिन जाएगा, फिर ये एहंकार किसके लिए।” -Ira
भारत में हाथी मंदिर में आशीर्वाद देते हुए, सर्कस में नाचते हुए और किसी टूरिस्ट स्पॉट पर सवारी लेकर जाते हुए आपको दिख जाएंगे लेकिन क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि इतने बड़े जानवर से ऐसा करवाया कैसे जा रहा है?
हमारे देश में अरबी बोली नही जाती, बल्कि खाई जाती है.... चीनी भी बोली नही जाती, सिर्फ खाई जाती है... उसी तरह अंग्रेजी भी उतनी बोली नही जाती, जितनी पी जाती है..! लेकिन हिंदी बहुत ही शक्तिशाली भाषा है। क्योंकि जैसे ही कोई कहता है “हिंदी में समझाऊं क्या ?” तुरंत सारे समझ जाते हैं। इसलिए हिंदी का सम्मान करें।
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