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मेरे एक करीबी दोस्त ने मुजसे पूछा की क्या हुआ तूने लिखना बंध क्यू कर दिया ? मेने एक जूठी मुस्कान के साथ जवाब दिया. “मेरे भाई जिस कलम से लिखा करता था मेरी वो कलम कोई चुरा ले गया हैं, अब मेरे पास सिर्फ़ यें आधी कोरी किताब रेह गयी हैं। ~BRij
दोस्ती तों भगवान ने भी कीं थीं, हम तो इन्सान हैं, बिना दोस्ती के यें ज़िन्दगी बेजान हैं, दोस्तों तुम पर तों यें जान भी क़ुर्बान हैं। #પૂછપરછ
दोस्ती तों भगवान ने भी कीं थीं, हम तो इन्सान हैं, बिना दोस्ती के यें ज़िन्दगी बेजान हैं, दोस्तों तुम पर तों यें जान भी क़ुर्बान हैं। ~BRij
“मैं ख़ुद को नहीं समज सकता दूसरों को क्या समजाऊँगा ? लेकिन याद ज़रूर रखना मूँजें, सबसे आख़िर में, याद मैं आऊँगा।” ~BRij
पहेले अर्जुन की तरह एक लक्ष्य देखा करता था, लेकिन ज़ालिम दुनिया ने मूँजें शकुनि जेसा दसों(10) दिशाओं पर देखने के लिए मजबूर कर दिया हैं । 😈 ~BRij
मैं जानता हुँ तूँ टूट चुका हैं, और अब फिरसे जुड़ने कीं ख़्वाहिश नहीं हैं तूजे लेकिन, तूँ किसी और के लिए नहीं पर अपने आप के लिए ख़ुद को सँवार, तेरी ज़िन्दगी अपने आप ही सवरने लगे गी। 🙂 ~BRij
लगता हैं, शायद...हम ही, ग़म के काले बादल बनके गए थे उसकी ज़िन्दगी में, वरना ख़ुशियों कीं धूप तो सालों से इंतज़ार कर रही थीं उसके हाथ थामने को। (2) ~BRij
लगता हैं, शायद...हम ही, ग़म के काले बादल बनके गए थे उसकी ज़िन्दगी में, हमने ज़रा सा दूर जाके देखा तो, उसका हाथ ख़ुशियों कीं धूप ने थाम रखा था।... (1)
उन्होंने बोला था कीं वादा करों हमारे अलावा किसी और से प्यार नहीं करोगे तुम... और देखो, आज भी उनको दिया हुआ वादा निभा रहें हैं। ~BRij
उन्मे कुछ तो ख़ास बात थीं... तब प्यार तो हद से ज़्यादा किया था उसने, और आज उस से भी ज़्यादा शिद्दत से नफ़रत करती हैं... हमसे। ~BRij
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