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माँ तुम्हारी याद आती है, तुम्हारी यादें हरपल सताती है , तुम्हारे बिना जिंदगी सूनी है, तुम्हारी ममता से दुनिया हरी है, तुम्हारे प्यार से जीवन की धारा भरी है।। है बिन तुम्हारे ये जीवन सूना , मेरे दुखो का बोझ हो गया सौ गुना , बिन तुम्हारे हरक्षण है कटने को आता , बिन तुम्हारे मुझे कोई नही समझता, है हर पल काटने को आता माँ बिन तेरे मुझे कोई कुछ नही सिखाता मुझे कोई नही हंसाता 🥺🥺।। तुम्हारे कदमों में मेरी जान है, तुम्हारे हाथों में मेरी पहचान है, तुम्हारी आवाज में मेरी धुन है, तुम्हारी बातों में मेरी सुनी हुई कहानी है, मेरा पूरा जीवन तुम्हारी यादों से भरा है , बिना तुम्हारे हर पल हो गया खाली है , तुम्हारी कमी हर पल मेरे साथ खड़ी है , माँ हमारे घर की ये जो खिड़की है , तुम्हारे बिना यह बरसो से बंद ही पड़ी है ।। माँ तुम्हारी दुआओं की ताकत है, तुम्हारे आशीर्वाद से मेरी राहें आसान हैं, तुम्हारे प्यार से मेरा जीवन खिलखिलाता है।। तुम्हारी ममता से मेरा भविष्य उज्ज्वल है, तुम्हारे पास होने में हि मेरे मन को राहत है, लेकिन अब तो सब सूना सूना सा लगता है , तुहारे जाने के बाद हर दिन चुभता है।। माँ तुम मेरी पहली गुरु हो, तुम्हारी बातें मेरी जिंदगी की किताब है, तुम्हारे सिखाए हर शब्द मेरे लिए पाठ है, तुम्हारी ममता मेरे लिए साथ है।। लेकिन अब की नही है समझने को न की समझाने को , जीवन की हर एक आस टूटी है , माँ आखिर क्यु तु मुझसे इतना रूठी है 🥺, तुम्हारे बिना जीवन में अब कुछ नही है बाकी , माँ तुम एक बार सोने के बाद फिर बर्षो से क्यु नही हो जागी?? तुम्हारे बिना अब दिन नही है कटता, बिन तुम्हारे जीवन का हर एक क्षण है अब मुझे झगड़ता, माँ तुम्हारी याद आती है, तुम्हारे बिना जिंदगी सुनीं है।
बेटी💕 पैदा हुई तो नर्स ने उसे धीरे से गोदी में उठाया , जोर से चिल्लाया, "बधाई हो जी, बेटी हुई है!" यह बात सुनकर उसके माँ-बाप का चेहरा खुशी से झूमता नजर आया , फिर कई सवालों का भूचाल उनके मन में समाया, समाज के रीति- रिवाजो के बोझ के नीचे बेटी होने की खुशी का वह क्षण दबता नजर आया। क्या इतनी बुरी हु मैं । 🥺 आचानक कहीं दूर से शोर आया, सभी रिश्तेदारों के तानों ने माँ-बाप को खूब सताया , "देर रात तक कौन इसकी सुरक्षा करेगा? कौन 24 घंटे इसके साथ रहेगा? कौन इसे बुरी नीयत से बचाएगा? इतना दहेज कहाँ से लाएगा? इसकी क्या गारंटी है कि दूसरे घर जाने पर इसे कोई नहीं सताएगा?"क्या इतनी बुरी हूँ मैं? जन्म होते ही सवालों के ढेरों तले दबी हु मैं? कुछ भी हो सभी सवालों से लडी हु मैं , क्योंकि अपने मम्मी पापा कि परी हु मैं।। वैसे तो बात - बात पर डरी हु मैं लेकिन फिर भी आखिर क्यूँ इतनी बुरी हु मैं।। मैं क्यों बुरी हूँ? मैं क्यों कम हूँ? मैं क्यों नहीं हूँ वो, जो समाज के रीति-रिवाजों को पूरा करूँ? लेकिन मैं नहीं हूँ कम, मैं नहीं हूँ बुरी, मैं हूँ तो प्यार, मैं हूँ तो खुशी।। मैं अपने मम्मी पापा की परी हूँ, मैं उनकी खुशी की बरकत हूँ, मैं उनके सपनों की उड़ान हूँ, मैं उनके जीवन की आस हूँ। मैं नहीं हूँ बोझ, मैं नहीं हूँ बुरी, मैं हूँ तो सशक्त, मैं हूँ तो स्वतंत्र। मैं अपने जीवन को अपने तरीके से जीती हूँ, मैं अपने सपनों को अपने दम पर पूरा करती हूँ, मैं अपने समाज को बदलने की ताकत रखती हूँ, मैं अपने देश को आगे बढ़ाने की आस रखती हूँ। क्या इतनी बुरी हूँ मैं? नहीं, मैं नहीं हूँ बुरी, मैं हूँ तो प्यार, मैं हूँ तो खुशी।💕💕
Poem on covid...
यह मेरी नोवेल का एक छोटा सा पार्ट है💕💕👍👍 देविका का सपना और मणि का चमत्कार.... 🫴 सपने में देविका ने देखा की उसके हाथ में एक नागमणि है...🩵daksh और Mohan lal उसके सामने खड़े होते है और उसकी मणि क्या क्या कर सकती है यह पूछ रहे है....देविका की मणि अचानक से चमकने लगी और उसके आसपास की हवा में एक अजीब सी ऊर्जा महसूस होने लगी।मोहनलाल और दक्ष ने देखा कि देविका की मणि से एक हल्की सी रोशनी निकलने लगी, जो धीरे-धीरे बढ़ती जा रही थी।आचानक, देविका की मणि से एक फूल निकल आया, जो हवा में तैरने लगा। फूल की पंखुड़ियाँ खुल गईं और उसके अंदर से एक छोटा सा नाग निकल आया।🥶😶 नाग ने दक्ष की ओर देखा और फिर देविका की ओर। उसके बाद, वह हवा में उड़ गया और गायब हो गया।। मोहनलाल और दक्ष हैरान थे। उन्हें समझ नहीं आया कि यह क्या हुआ था।🫨🫨 देविका ने मुस्कराते हुए कहा, "मेरी मणि मुझे अपनी शक्ति को दिखा रही है।"देखो बाबा और दक्ष इसकी शक्तियाँ.... 😶🌫 दक्ष ने पूछा, "देविका, तुम्हारी मणि की शक्ति क्या है?" देविका ने कहा, "मेरी मणि मुझे कुछ भी बनाने की शक्ति देती है। मैं कुछ भी सोच सकती हूँ और वह मेरे सामने हाजिर हो जाता है।"क्या सच में ऐसा होता है, देविका, "दक्ष ने पूछा" ?? अचानक, देविका ने कहा, "मेरी मणि मुझे एक और चमत्कार दिखाने की कोशिश कर रही है।"🫣🫢 देविका की मणि फिर से चमकने लगी और उसके आसपास की हवा में एक अजीब सी ऊर्जा महसूस होने लगी।🥶😶🌫😶🌫 मोहनलाल और दक्ष ने देखा कि देविका की मणि से एक बड़ा सा पेड़ निकल आया, जो हवा में तैरने लगा। पेड़ की शाखाएँ खुल गईं और उसके अंदर से एक छोटा सा पक्षी निकल आया।।। पक्षी ने दक्ष की ओर देखा और फिर देविका की ओर। उसके बाद, वह हवा में उड़ गया और गायब हो गया।😒🤓 मोहनलाल और दक्ष हैरान थे। उन्हें समझ नहीं आया कि यह क्या हुआ था देविका ने मुस्कराते हुए कहा, "मेरी मणि मुझे अपनी शक्ति को दिखा रही है। मैं कुछ भी बना सकती हूँ।😎😎 देविका ने माणि की शक्तियों का उपयोग करके दक्ष को हवा में उड़ा दिया। वह उसकी ओर बढ़ रहा था, लेकिन देविका ने उसे रोक दिया। फिर देविका ने अपनी शक्तियों का उपयोग करके बीमार इंसान को ठीक कर दिया। वह उसके पास गई और अपना हाथ रख दिया। उस इंसान की बीमारी दूर हो गई और वह ठीक हो गया।🤪 उसकी मणि की शक्ति अद्भुत थी । वह सोने चांदी का ढेर लगा देती थी और अनोखे चमकार पैदा कर देती थी। दक्ष और mohanlal उसे देखकर आश्चर्यचकित हो गए।🥰 दक्ष ने देविका की ओर देखा और कहा, "देविका, तुम वास्तव में एक अद्भुत शक्ति की मलिक हो।देविका ने मुस्कराते हुए कहा, "यह मेरी मणि की शक्ति है, जो मुझे एक आम इंसान से अलग बनाती है।"🤩🤩 देविका ये सब सपने में देख ही रही थी ।।
Hello everyone this is my First novel please read and give your Review try to read with patience because upcoming chapters are more interesting ...
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