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तुम इश्क की बात करते हो ज़रूर दोस्ती से ठोकर नहीं खाई होगी अगर इश्क दिल पे घाव देता है दो दोस्ती दिल पे छेद कर निकाल जाती है इश्क में तो दगा की जगह होती है पर दोस्ती, उसमे तो वो भी नहीं जब इश्क तोड़ देता है तो होते हैं दोस्त संभालने को पर जब दोस्त तोड़ देता है तो समझ आता है अकेलापन जैसे जब झूट से ज़्यादा सच तोड़ देता है उसी तरह प्यार से ज़्यादा यार तोड़ देता है इश्क बदल सकता है वो फिर भी इश्क रहेगा दोस्ती बदल गई तो वो सौदा बन जाता है इश्क से ज़्यादा दोस्ती मार जाती है क्यूंकि दोस्ती में पहले से ही प्यार होता है #garima यदि आप लोगों को कविता अच्छी लगी हो, तो जरूर मुझे फॉलो करके मेरी आगे की हर रचना पढ़िएगा 💕❤️💟
तुम इश्क की बात करते हो ज़रूर दोस्ती से ठोकर नहीं खाई होगी अगर इश्क दिल पे घाव देता है दो दोस्ती दिल पे छेद कर निकाल जाती है इश्क में तो दगा की जगह होती है पर दोस्ती, उसमे तो वो भी नहीं जब इश्क तोड़ देता है तो होते हैं दोस्त संभालने को पर जब दोस्त तोड़ देता है तो समझ आता है अकेलापन जैसे जब झूट से ज़्यादा सच तोड़ देता है उसी तरह प्यार से ज़्यादा यार तोड़ देता है इश्क बदल सकता है वो फिर भी इश्क रहेगा दोस्ती बदल गई तो वो सौदा बन जाता है इश्क से ज़्यादा दोस्ती मार जाती है क्यूंकि दोस्ती में पहले से ही प्यार होता है #garima -Garima Singh
आजकल मन बड़ा परेशान से है थोड़ा बेहका थोड़ा शैतान सा है एक अलग ही धुन बजती है एक अलग राग सुनाई देता है दिल कहता है खत्म करो जब एक दिन जाना ही है तो आज ही वो काम करो ना वो प्यार मिल रहा ना वो खुशी अब खत्म करो फिर दिखते है वो लोग जो पीछे छूट जाएंगे दिख जाता है भविष्य दिख जाते हैं उनके आंसू दिख जाते हैं वो सपने जो अधूरे ही रह जाएंगे असल बात तो ये है मुझमें हिम्मत ही नहीं हिम्मत नहीं कि खुदको खत्म कर दूं तो फिर एक बार वहीं शुरू हो जाता है #garima
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