Quotes by anokha aunsuna in Bitesapp read free

anokha aunsuna

anokha aunsuna

@gayurvi3gmail.com225732


अजर अमर अभेद वो
शस्त्र शास्त्र का ज्ञान है।

सहस्त्र कोटि नेत्र जिसके
त्रिकाल को भी काल दे ।

निश्छल निर्मल जोती वो
अत्र तत्र सर्वत्र है।

योगी वैरागी आसुतोष वो
शिव भोले नटराज है।।

~उर्वशी घोष "उर्वी"

-anokha aunsuna

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मेरी यादों से पर्दा।।
फिर किसी से राब्ता कीजिए गा!!
हो कर खुद से बेगाना।।
फ़िर ना उसकी इल्तजा कीजिए गा!!

सब गुनहगार है।।
किस-किस की शिकायत कीजिए गा !!
ऊपर उठ कर बहानो से।।
फिर वक़्त का सजदा कीजिए गा!!

मुक्कदर नही ये।।
फिर खुदा का एतबार कीजिए गा!!
अपनी तकरीर से।।
एक दिन जमाना बेकरार कीजिये गा!!

~उर्वशी घोष "उर्वी"

-anokha aunsuna

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आए थे तेरे ज़ख्म में मरहम बनने!!
तेरी चिता की आग बन बैठे।।
अंतिम आहुति में तेरे सदके!!
बुझी हुई कोई आस दे बैठे!!

~उर्वशी घोष "उर्वी"

-anokha aunsuna

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ये समझदारी भी एक बला है ज़न्दगी!!
कहे बिना कोई अल्फ़ाज़ समझ लेते है।
बैठे है मिलों दूर कर के एतबार किसी पे।
कमबख्त चुप्पी से मिलाज समझ लेते है।

के ज़िन्दगी तू मेरी महबूब होती अगर!!
आँखों से दिल के हालात समझ लेते है।
समझदारी पड़ती है महँगी बेशक यहाँ!!
इश्क़ से भी गहरे जजब्बत समझ लेते है।

किसी का धोखा किसी की जात समझ लेते है।
समझदारी में ज़िन्दगी आहिस्ते-आहिस्ते से ही।।
तन्हाई की कही वो सारी बात समझ लेते है।
रूह की बेचैनी लफ़्ज़ों के घात समझ लेते है।

समझदारी की बीमारी है हमे ऐ ज़िंदगी!!
तेरी अठखेलियों के राज समझ लेते है।
अँधेरे में रौशनी की तलाश नही करते।।
अँधेरे में घूम अपने अहसास समझ लेते है।।

~ उर्वशी घोष "उर्वी"

-anokha aunsuna

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