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Gautam Sagar

Gautam Sagar

@gautamsagar.570937
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ये संसार राम लीला के जैसा
राम ही धूप है राम ही छाया
अंगद, विभीषण हो या हो कैकेई
सब राम के अपने न कोई पराया
देही भी राम है देह भी राम है
राम रचे सबके कर्मों से काया
मंथरा, बाली हो या हो दशानन
सब की मति मारी, राम की माया

#गौतम सागर

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शायरी

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मुझे देख कर के धुंवा हुए , जलने वाले
*चलो ज़िंदगी से दफा हुए , जलने वाले*

शिकायत ले के एक जुगनू आया मेरे पास
*कि क्यों रौशनी से खफा हुए , जलने वाले*

जो घर मेरा जलने लगा धूँ धूँ करके तो
*सभी घर के आगे जमा हुए , जलने वाले*

मकां मैंने यूं ऊँचा कर लिया अपना देखो
*निगाहों से लापता हुए , जलने वाले*

वो किसका ही कुछ भी बिगाड़ सके बोलो तो
*अना के बिना सब फना हुए जलने वाले*--

©️ गौतम कुमार सागर

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प्रमोशन के रिजल्ट वाले दिन राशिफल देखा
लिखा था बहुत बड़ी मुसीबत आते आते टलने वाली है.
शाम को result आया!
मुसीबत टल चुकी थी!!😄😄

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तेरे सिंदूर का रंग ........ मेरी कमीजों पर
यह चुटकी-भर होली ..... आए दिन होती है



-Gautam Sagar

जो औकात भूल जाते हैं
वे धूल में मिल जाते हैं
जो औकात याद रखते हैं
वे फूल से खिल जाते हैं

-Gautam Sagar