Quotes by GANESH TEWARI 'NESH' (NASH) in Bitesapp read free

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

@ganeshptewarigmail.com064906


लगे रहो प्रभु कर्म में, जियो सैकड़ों साल।
आएगा जब शुभ समय, होंगे मालामाल।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

जड़ चेतन सब जगत का, सब ईश्वर से व्याप्त। धन छीनो मत अन्य का, रहो तुष्ट जो प्राप्त।। दोहा-144
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

जो बोले शुभ सद् वचन, मिले न उसको क्लेश। क्रोध असूया रहित नर, बन जाता राजेश।। दोहा--143
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---- गणेश तिवारी नैश

Read More

धर्मी नर के लिए धन, कभी नहीं उपयुक्त।
कीच लगे ज्यों देह को, रखना अनउपयुक्त।। दोहा--142
(नैश के दोहे‌ से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

यौवन, जीवन, रूप, धन, प्रियजन का सहवास। यह अनित्य है एक दिन, नहीं रहेगा पास।। दोहा--141
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

तृष्णा की‌ सीमा नहीं, तृष्णा करती नष्ट।
सुख मिलता संतोष से, असंतोष से कष्ट।।
दोहा--130
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

स्वयं जनित रोगादि से, नर बन जाता खाक़। जैसे लकड़ी स्वयं‌ की, शुचि से होती राख।। दोहा--139
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-- गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

जल‌ से जैसे अनल‌‌ का, मिट‌ जाता है ताप। वैसे मन‌‌‌ का‌ ज्ञान‌ से, मिटता है संताप।। दोहा-138
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

जैसे जैसे धन बढ़े, बढ़ती धन की प्यास।
सींग हिरण जैसे बढ़े, बढ़ती धन की आस।। दौहा--137
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

Read More

हो जाता है जीर्ण नर, पक जाते हैं बाल।
सन्मुख‌ दिखती मौत‌ पर, हटा न माया जाल।। दोहा--136
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

Read More