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GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

@ganeshptewarigmail.com064906


काम क्रोध अरु लोभ ये, तीन नरक के द्वार। जो इनसे बचता रहा, पहुंच गया उस पार।।
दोहा --368
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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मित्र बनाए शत्रु को, करे मित्र से द्वेष। मूढचित्त के व्यक्ति ये, सदा उठाते क्लेश।। दोहा --367
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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आदर मिलता साधु को, होता सबसे भिन्न। मिला अनादर जब उसे, हुआ नहीं वह खिन्न।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नेश'

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देख पराये द्रव्य को, जब मिलता है कष्ट। ऐसे लोभी मनुज का, जीवन होता नष्ट।। दोहा--365
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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जग में कुछ भाता नहीं, छिन जाता सब भोग। रात जागरण का उसे, लग जाता जब रोग।।
दोहा --364
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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करे वैर जो बली से, छिनता उसका चैन। भय से वह पीड़ित रहे, जागे सारी रैन।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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ईश भजन से मनुज का, होता मार्ग प्रशस्त। और ईश की कृपा से, रहता है वह मस्त।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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भाग्यवान वह मनुज है, प्रभु जिससे संतुष्ट। मस्ती से विचरण किया, हुआ नहीं जग रुष्ट।।
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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रहा भटकता जगत में, रोया हूं दिन-रैन। भजे बिना गोविंद को, मिला नहीं सुख-चैन।।
दोहा--360
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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पीठ हमेशा रखो तुम, सख़्त और मज़बूत।। धोखा पीछे से मिले, जग की यह करतूत।।
दोहा --359
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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