Quotes by GANESH TEWARI 'NESH' (NASH) in Bitesapp read free

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

@ganeshptewarigmail.com064906


मदद हेतु इस जगत में, फैलाया जब हाथ। सदा हाथ खाली रहा, मिला न हमको साथ।।
दोहा--335
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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जीवन के इस सफ़र में, नहीं मिला हमराह। सतत ढू़ंढता रह गया, बची रह गयी चाह।।
दोहा--334
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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इस पूरे संसार में रिश्ते बने अनेक। दर दर हम भटका किए , काम न आए एक।। दोहा --333
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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क्या कुछ उसको चाहिए ! सदा कार्य में व्यस्त । उसे नहीं कुछ चाहिए. वह तो है हरिभक्त।।
दोहा--332
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---- गणेश तिवारी 'नैश'

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अमन चैन की खोज में, किया बहुत उद्योग । मिली शांति अब तक नहीं. अतिशय किया प्रयोग।।
दोहा--331
(नैश के दोहे से उद्धृत)
~~~गणेश तिवारी 'नैश'

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अन्तस के बदले बिना, बदले नहीं स्वभाव। धर्म आचरण के लिए, लाना है सद्भाव।। दोहा--230
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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धर्मी कहता पाप से. दूर चला जा पाप। मैं धर्मी हूँ मुझे तू, रहने दे निष्पाप।। दोहा--329
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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पाश्चात्य में शान्ति की, करते रहे तलाश। मानवता के मूल्य का. होता रहा विनाश।। दोहा--328
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी 'नैश'

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सूर्य उदय पर खुश हुआ, सूर्य अस्त पर हर्ष। नर अपने दिन काल को, देता रहा सहर्ष।।
दोहा--326
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी नैश

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सदाचार में हो सके. सब पापों का नाश। अनाचार में उलझकर. नर का हुआ विनाश।। दोहा --325
(नैश के दोह् से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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