Quotes by GANESH TEWARI 'NESH' (NASH) in Bitesapp read free

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

GANESH TEWARI 'NESH' (NASH)

@ganeshptewarigmail.com064906


ज्ञानी जन का ध्यान से , खुलता दसवाँ द्वार । धर्म ग्रन्थि जब टूटती, वह करता भव पार।। दोहा--246
(नैश के दोहे से उद्थृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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कर्म मूल में काम है, इससे बँधता जाल। काम रहित के कर्म‌ से, हट जाता जंजाल।। दोहा--245
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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शुनक ,सुअर-खर जगत में, कभी न रहते खिन्न। खाना-पीना लक्ष्य तो, नर इनसे क्यों भिन्न ?। दोहा--244
(नैश के दोहे से उद्धृत)
----गणेश तिवारी 'नैश'

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नित्य शब्द से है भरा, यह नीला आकाश। इसकी महिमा बहुत है,
होता नहीं विनाश।। दोहा--243
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-------गणेश तिवारी 'नैश'

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वही व्यक्ति अच्छा लगे, करता‌ जो सम्मान। पर बोले कटु सत्य तो, लगता शत्रु समान।। दोहा--242
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी 'नैश'

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भावयुक्त नर के लिए, प्रभु का है दरबार। भावरहित के लिए पर, खुले न प्रभु का द्वार।। दोहा--241
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

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रहे साथ जो आपके, खुद मत छोड़ो साथ। जिसने खुद‌ को सौंपकर, दिया हाथ में हाथ।।दोहा-- 240
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी 'नैश'

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क्रोधी नर निज क्रोध से, करता रहता पाप। क्रोध हराकर क्षमा से,
नर होता निष्पाप।। दोहा--239
(नैश के दोहे से उद्धृत)
-----गणेश तिवारी 'नैश'

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कर्म भूमि भारत मिला, वह मनुष्य है धन्य। जहाँ मोक्ष की सोच हो, नहीं देश है अन्य।। दोहा--238
(नैश के दोहे से उद्धृत)
------गणेश तिवारी 'नैश'

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ब्रह्म ज्ञान जिसको मिला, रखे न जग की चाह। जिसे रसायन मिल‌ चुका, उसे नहीं परवाह।। दोहा--237
(नैश के दोहे से उद्धृत)
---गणेश तिवारी 'नैश'

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