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जो ईश्वर रात को पेड़ो पर बेठे परीनदो को नींद में भी कभी नही गिरने देता वो ईश्वर इंसान को कैसे बेसहारा छोड़ सकता हे। बस हमारे कर्म ही सही होने चाहिए। HELLO FRIENDS
*એક અક્ષર લખવા માટે* *જો* *કાગળ અને કલમ વચ્ચે* *પણ* *સંધર્ષ થતો હોય,* *તો... વ્હાલા* *આ તો “જીવન” છે.* Hi friends
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजु-ए-कातिल में है । एक से करता नहीं क्यों दूसरा कुछ बातचीत, देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफिल में है । रहबरे-राहे-मोहब्बत रह न जाना राह में लज्जते-सेहरा-नवर्दी दूरि-ए मंजिल में है । यूँ खड़ा मकतल में कातिल कह रहा है बार-बार क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है? ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत मैं तेरे ऊपर निसार अब तेरी हिम्मत का चर्चा ग़ैर की महफिल में है । bharat mata ki jay
*एक पल के लिये मान लेते हैं कि,* *किस्मत में लिखे फैसले बदला नहीं करते.* *लेकिन* *आप फैसले तो लीजिये,* *क्या पता,* *किस्मत ही बदल जाए* HELLO FRIENDS
*સંબંધ બનાવો તો "આંખ" અને પાપણ જેવો...* *જયારે આંખ માં કંઈક પડે તો પાપણ તડપી ઉઠે છે,* *અને..* *જયારે પાપણ થોડી વાર ના પલકે* *તો આંખો રડી પડે છે...* love you friends
चलो सो जाते हैं अब किसी सच की तलाश में , कल फिर , सुबह उठ के फिर से झूठी दुनियाँ का दीदार करना है . Good Night my all dear friends
उम्मीद ना कर इस दुनिया में हमदर्दी की, बड़े प्यार से जख्म देते हैं शिद्दत से चाहने वाले। HELLO FRIENDS
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